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मुजफ्फरनगर में प्रदूषण ने पकड़ी जबरदस्त स्पीड, हर घंटे बढ़ रहा खतरा, 290 पर पहुंचा ज़िले का AQI

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अमित सैनी

मुज़फ़्फ़रनगर से ‘द एक्स इंडिया’ के लिए

मुजफ्फरनगर की सुबह अब ताजगी का एहसास कराने के बजाय चिंता का सबब बन चुकी है। हर गुजरते घंटे के साथ शहर की हवा और जहरीली हो रही है। शुक्रवार सुबह 7 बजे ज़िले का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 290 तक पहुंच गया। यह स्तर “बेहद खतरनाक” की श्रेणी में आता है। महज एक घंटे पहले यह 280 था।

मुज़फ़्फ़रनगर में हर घंटे AQI में 10 पॉइंट का उछाल देखा गया

रातभर बिगड़ती रही स्थिति

गुरुवार रात 9:30 बजे तक शहर का AQI 208 था। लेकिन आधी रात के बाद से यह तेजी से बढ़ना शुरू हुआ। सुबह 5 बजे तक यह 270 पर पहुंच गया और 6 बजे 280 हो गया। पिछले 7 घंटों में प्रदूषण स्तर में करीब 70 पॉइंट की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

प्रदूषण के पीछे कारण

जानकारों और स्थानीय निवासियों का मानना है कि रात के अंधेरे में फैक्टरियों द्वारा प्रतिबंधित प्लास्टिक वेस्ट और अन्य कचरा जलाना इसका प्रमुख कारण है। दिल्ली-गाजीपुर से लेकर देहरादून और चंडीगढ़ से आने वाला कचरा भी यहां जलाया जाता है। यह मुजफ्फरनगर की हवा को जहरीला बना रहा है।

जौली रोड पर पेपर मिल की चिमनी काला धुआं फेंक रही हैं

प्रशासन की सुस्ती

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। शहर के प्रदूषण स्तर पर नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। बोर्ड की कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित है, जबकि जमीनी स्तर पर हालात बेकाबू हो चुके हैं।

प्रदूषण विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है

स्वास्थ्य पर बढ़ा खतरा

वायु प्रदूषण का यह स्तर फेफड़ों और हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगियों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। सुबह के समय बाहर निकलने से बचने की अपील की गई है।

क्या कहते हैं आंकड़े?

विशेषज्ञों के अनुसार, 200 से ऊपर का AQI स्तर सांस और हृदय रोगियों के लिए खतरनाक है। लेकिन मुजफ्फरनगर में यह लगातार बढ़ता जा रहा है।

शहर की बिगड़ती हवा पर प्रशासन कब जागेगा, यह एक बड़ा सवाल है। अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो यह समस्या जनजीवन के लिए और गंभीर साबित हो सकती है।

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Author: thexindia

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