Home » मुजफ्फरनगर पोस्ट » मुजफ्फरनगर DM उमेश मिश्रा ने ‘खुशी’ के ‘दु:ख’ का कराया इलाज, जनसुनवाई में दिखी दरियादिली

मुजफ्फरनगर DM उमेश मिश्रा ने ‘खुशी’ के ‘दु:ख’ का कराया इलाज, जनसुनवाई में दिखी दरियादिली

Treatment for Ailing Girl
Facebook
Twitter
WhatsApp

मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की मानवता और संवेदनशीलता उस समय सामने आई, जब जनसुनवाई के दौरान एक युवती, खुशी, अपनी आंखों की बीमारी (मोतियाबिंद) के इलाज के लिए रोते हुए गुहार लगाने लगी। उसकी पीड़ा सुनकर डीएम का दिल पसीज गया, और उन्होंने तुरंत अपनी सरकारी गाड़ी से खुशी को अस्पताल भिजवाया। इतना ही नहीं, उन्होंने खुशी को भरोसा दिलाया कि इलाज का सारा खर्च वह स्वयं उठाएंगे। इस नेक कार्य ने न केवल खुशी के चेहरे पर मुस्कान लौटाई, बल्कि डीएम की दरियादिली को भी उजागर किया।

 

खुशी की पीड़ा और आर्थिक तंगी!

खुशी ने जनसुनवाई में बताया कि वह लंबे समय से मोतियाबिंद की समस्या से जूझ रही थी। उसके पिता आर्थिक तंगी के कारण ऑपरेशन कराने में असमर्थ थे, और रिश्तेदारों ने भी उनकी मदद से इनकार कर दिया था। अपनी व्यथा सुनाते हुए खुशी की आंखें छलक पड़ीं। उसकी बात सुनकर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा भावुक हो गए। उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए जिला चिकित्साधिकारी से फोन पर बात की और खुशी की मेडिकल जांच के लिए अपनी सरकारी गाड़ी में उसे जिला अस्पताल भिजवाया।

Treatment for Ailing Girl

डीएम का भरोसा, “खर्च मैं उठाऊंगा”

जिलाधिकारी ने खुशी को आश्वासन दिया, “जहां भी इलाज होगा, जितना भी खर्च आएगा, मैं स्वयं वहन करूंगा। तुम बिल्कुल चिंता मत करो।” इस वादे ने खुशी को नई उम्मीद दी। अस्पताल में प्रारंभिक जांच के बाद चिकित्सकों ने ऑपरेशन की सलाह दी, और डीएम ने यह सुनिश्चित किया कि इलाज में कोई कमी न रहे। खुशी ने भावुक होकर कहा, “डीएम साहब मेरे लिए भगवान के रूप में आए हैं। मेरी दुआ है कि वह हमेशा खुश रहें।”

 

प्रशासनिक संवेदनशीलता का उदाहरण

यह घटना मुजफ्फरनगर में प्रशासनिक संवेदनशीलता का एक अनूठा उदाहरण बन गई है। डीएम उमेश मिश्रा ने न केवल खुशी की मदद की, बल्कि यह भी दिखाया कि जनसुनवाई जैसे मंच जनता की समस्याओं के समाधान के लिए कितने प्रभावी हो सकते हैं। स्थानीय लोगों ने डीएम के इस कदम की सराहना की और इसे अन्य अधिकारियों के लिए प्रेरणा बताया।

Treatment for Ailing Girl

जिलाधिकारी की प्रेरणा

डीएम उमेश मिश्रा ने कहा कि जनसुनवाई का मकसद ही लोगों की समस्याओं को सुनना और उनका त्वरित समाधान करना है। “खुशी की स्थिति देखकर मुझे लगा कि यह मेरी जिम्मेदारी है कि उसकी मदद करूं। हर जरूरतमंद की सहायता करना प्रशासन का कर्तव्य है,” उन्होंने कहा। इस घटना ने न केवल खुशी के जीवन में रोशनी लाई, बल्कि यह भी साबित किया कि संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई से किसी का जीवन बदला जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *