Home » उत्तर प्रदेश » मुजफ्फरनगर पोस्ट » नकली लिक्विड यूरिया का ‘डार्क हब’ बना मुजफ्फरनगर! टाटा-महिंद्रा के नाम पर सप्लाई, रात के अंधेरे में चलता काला कारोबार! ‘द एक्स इंडिया’ का सनसनीखेज खुलासा- भाग-1

नकली लिक्विड यूरिया का ‘डार्क हब’ बना मुजफ्फरनगर! टाटा-महिंद्रा के नाम पर सप्लाई, रात के अंधेरे में चलता काला कारोबार! ‘द एक्स इंडिया’ का सनसनीखेज खुलासा- भाग-1

Muzaffarnagar Fake Liquid Urea Hub Exposed (Part 1)
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किसानों की खाद और वाहनों की ‘जीवन रक्षा’ दवा… दोनों को धोखा दे रहा मुजफ्फरनगर का माफिया नेटवर्क, जहां ‘पानी की बाल्टी’ बन रही करोड़ों की कमाई का जरिया!


 

राजधानी दिल्ली से महज 120 किलोमीटर दूर मुजफ्फरनगर जिला अब नकली लिक्विड यूरिया यानी डीजल एग्जॉस्ट फ्लूइड (DEF) का अड्डा बन चुका है। यहां से यूपी ही नहीं, पड़ोसी राज्यों तक ब्रांडेड नामों पर ‘यूरिया’ घोला हुआ पानी थोक भाव में सप्लाई हो रहा है। ‘द एक्स इंडिया’ की महीनों की गुप्त पड़ताल ने इस काले कारोबार की परतें खोलीं, जो पर्यावरण, किसानों और वाहन मालिकों को एक साथ ठग रहा है।

 

Muzaffarnagar Fake Liquid Urea Hub Exposed (Part 1)

 

नया ठिकाना, धंधा पुराना

मुख्य उत्पादन अब बेगराजपुर औद्योगिक क्षेत्र में हो रहा है। माफिया ने अपना बेस शिफ्ट कर लिया है। पहले खांजापुर (बुढ़ाना मोड़) में फैक्ट्री चल रही थी, जहां पुलिस ने छापा मारकर भंडाफोड़ किया था। जमानत पर बाहर आने के बाद इन्होंने सलेमपुर जंगल से बेगराजपुर और जौली रोड के बिलासपुर गांव में किराए की जगहें ले लीं।


 

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रात का अंधेरा, दिन का ताला

पूरा ऑपरेशन रात में चलता है। बाहर मेन गेट पर ताला लटकता है, अंदर सफेद पानी का काला कारोबार का बेस तैयार होता है। कोई शक न हो, इसलिए दिन में सब बंद रहता है। पड़ताल में सामने आया कि माफिया लोकल सप्लाई कम कर बाहर ज्यादा फोकस कर रहे हैं, ताकि पुलिस की नजर से बचें रहें।

 

Muzaffarnagar Fake Liquid Urea Hub Exposed (Part 1)

 

पानी में घोलकर ‘लिक्विड यूरिया’ तैयार

हैरानी की बात ये है कि किसान खेती हेतु यूरिया के लिए तरस रहे हैं, लेकिन यही यूरिया खाद पानी में घोलकर लिक्विड बनाया जा रहा है। यह डीजल वाहनों में SCR सिस्टम के लिए इस्तेमाल होता है, जो NOx उत्सर्जन कम करता है। लेकिन नकली होने से वाहन खराब होते हैं और प्रदूषण बढ़ता है। दिल्ली-NCR में AQI 300 पार कर रहा है और ये माफिया इसमें ‘तेल’ डाल रहे हैं।

 

ब्रांडेड नामों का दुरुपयोग

माफिया खुले में तो बेचते ही हैं, लेकिन टाटा, महिंद्रा, भारत बेंज, अशोक लेलैंड और आयशर जैसे नामी ब्रांडों की बाल्टियां भरकर सप्लाई कर रहे हैं। पैकेजिंग इतनी परफेक्ट कि डीलर भी धोखा खा जाते हैं। थोक भाव में बिक्री से करोड़ों का टर्नओवर कर ये लोग वारे-न्यारे कर रहे हैं।

 

Muzaffarnagar Fake Liquid Urea Hub Exposed (Part 1)

 

मुजफ्फरनगर से बाहर ‘सप्लाई नेटवर्क’

पुलिस कार्रवाई के बाद लोकल सप्लाई करीब-करीब बंद कर दी गई है। अब बरेली, रामपुर, एटा, मैनपुरी, कैराना-शामली, करनाल हाईवे और पानीपत तक ये नेटवर्क इस घातक नकली लिक्विड यूरिया को थोक के भाव में सप्लाई कर रहा है। ‘द एक्स इंडिया’ की पड़ताल में चौकाने वाला तथ्य ये भी है कि डीलर्स को भली-भांति पता होता है कि ये माल नकली है। अधिक मुनाफे के चक्कर में डीलर्स ऑन डिमांड ब्रांडेंड कंपनी की बाल्टियों को तैयार करा रहे हैं।


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पुलिस का पुराना भंडाफोड़, नया खेल

गत वर्ष शहर कोतवाली पुलिस ने क्राइम ब्रांच की मदद से इलाके के बुढ़ाना मोड पर ’सफेद पानी’ का ‘काला खेल’ पकड़ा। माफिया समेत कई गिरफ्तार हुए और जेल गए। 4 महीने जेल की सलाखों के पीछे रहने के बाद जमानत पर बाहर आकर माफियाओं ने फिर से सफेद पानी का ये काला खेल शुरू कर दिया।

 

Muzaffarnagar Fake Liquid Urea Hub Exposed (Part 1)

 

पर्यावरण और किसानों पर दोहरा वार

एक तरफ किसानों की खाद चोरी हो रही है, दूसरी तरफ वाहनों में नकली यूरिया से उत्सर्जन बढ़ रहा है। BS-6 वाहनों के लिए जरूरी DEF (Diesel Exhaust Fluid) का विकल्प बनकर ये जहर फैला रहे हैं। माफिया की जेबें भर रही हैं, देश का पर्यावरण खराब हो रहा है।

 

माफिया की शातिराना चाल

किराए की जगहें…, रात का ऑपरेशन…, ब्रांडेड पैकिंग…. सब का सब प्लान्ड हैं। सप्लाई को लोकल से कम कर बाहर बड़े स्तर पर शिफ्ट कर पुलिस, शासन-प्रशासन को चकमा देने का काम किया जा रहा है। लेकिन ‘द एक्स इंडिया’ की टीम ने ट्रक, माफियाओं से जुड़े लोग, इनके ठिकानों और डीलर्स के अड्डे ट्रैक किए। फैक्ट्री के बाहर और आसपास घंटों-घंटों निगरानी की, तब कहीं जाकर नेटवर्क में सेंध लगाई जा सकी।


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मामला गंभीर, एक्टिव हुआ सरकारी तंत्र

‘द एक्स इंडिया’ के इस सनसनीखेज खुलासे को डीएम उमेश कुमार मिश्रा ने गंभीरता से लिया है और जिला कृषि अधिकारी राहुल तेवतिया को जांच कर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक, “किसानी यूरिया को पानी में मिलाकर लिक्विड यूरिया (DEF) बनाने के मामले में उनके द्वारा उत्तर प्रदेश की प्रथम FIR मुजफ्फरनगर में दर्ज कराई थी। आगे भी इसी तरह से सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

 

फिल्म अभी बाकी हैः खुलेगी नाम समेत पूरी कुंडली

अभी तक जो आपने पढ़ा और समझा, वो पूरे ऑप्रेशन का एक हिस्सा है, जो एक ट्रेलर मात्र है, पूरी फिल्म अभी बाकी है। अगले भाग में माफियाओं के नाम, उनकी पूरी कुंडली, लिक्विड यूरिया बनाने का स्टेप-बाय-स्टेप तरीका, इस गोरख-धंधे में शामिल लोग, पुलिस कनेक्शन… ये सब बेनकाब किया जाएगा। साथ ही साथ… वीडियो फुटेज से लेकर ऑडियो रिकॉर्डिंग तक… सब सार्वजनिक होगा। यकीन मानिए… मुजफ्फरनगर का ये ’यूरिया सिंडिकेट’ अब छिप नहीं पाएगा।

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