सिखेड़ा इलाके की गलैक्सी पेपर मिल में सुबह के काम के दौरान 30 वर्षीय अमित कुमार मशीन की चपेट में फंस गया, अस्पताल में तोड़ा दम
मुजफ्फरनगर के सिखेड़ा थाना इलाके के जौली रोड पर धंधेड़ा-सिखेड़ा के बीच स्थित गलैक्सी पेपर मिल में रविवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। हाल ही में हेल्पर के तौर पर काम शुरू करने वाले 30-32 वर्षीय अमित कुमार पुत्र भरत सिंह निवासी कैड़ी दरियापुर सुबह साढ़े 11 बजे मशीन के पास थे, तभी उनका हाथ चपेट में आ गया।
मशीन ने निष्ठुरता से उन्हें अपनी ओर खींच लिया और देखते ही देखते अमित का पूरा शरीर उसकी चपेट में आ गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चीखें गूंज उठीं, लेकिन मशीन की रफ्तार ने सब कुछ लील लिया।
फैक्ट्री में हड़कंप मच गया और प्रबंधन ने घायल अमित को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन दोपहर तक इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। यह हादसा उत्तर प्रदेश में 2025 के 45 औद्योगिक दुर्घटनाओं का हिस्सा बन गया, जहां मजदूरों की जिंदगियां मशीनों की भेंट चढ़ रही हैं।
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प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप!
खबर फैलते ही अमित के परिजन कैड़ी दरियापुर से दौड़कर फैक्ट्री पहुंचे और ग्रामीणों के साथ मिलकर प्रबंधन पर लापरवाही का संगीन आरोप लगाया। फिलहाल, फैक्ट्री प्रबध्ंन और मृतक अमित के परिजनों के बीच बातचीत चल रही है।
सूचना मिलते ही भंडूर पुलिस चौकी इंचार्ज मोहम्मद फरीद मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, जबकि परिवार मुआवजे और दोषी पर कार्रवाई की मांग कर रहा है। ‘द एक्स इंडिया’ ने प्रबंधन से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, जो सवालों को और गहरा बनाता है।
मजदूरों की जिंदगी पर खतरा
यह हादसा गलैक्सी पेपर मिल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, जहां मशीनों पर ग्रिपिंग गार्ड या ट्रेनिंग की कमी आम शिकायत है। ग्रामीणों का कहना है कि फैक्ट्री में हेल्परों को बिना तैयारी के काम पर लगाया जाता है, जो जानलेवा साबित हो रहा है।
2024 में मुजफ्फरनगर में 12 फैक्ट्री हादसे हो चुके और यह घटना श्रम विभाग को अलर्ट कर रही है।
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