मुजफ्फरनगर। करीब 11-12साल बाद ‘जिन्न की तरह’ लौटे पूर्व लेखपाल जय भगवान अग्रवाल ने तत्कालीन डीएम कौशलराज शर्मा समेत अफसरों पर लगाए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप; ‘अफसरशाही: एक अनसुना सच’ किताब में छिपा ‘सच’ का दावा!
एक रेस्टोरेंट में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 2014 के चर्चित भ्रष्टाचार मामले के आरोपी लेखपाल ने अफसरों पर उल्टे इल्जाम लगाए, किताब में ‘अनसुना सच’ बताने का वादा किया।

मुजफ्फरनगर की जानसठ तहसील के पूर्व लेखपाल जय भगवान अग्रवाल, जो 2014 में भ्रष्टाचार और सरकारी भूमि हड़पने के आरोपों में सुर्खियों में आए थे, करीब 11-12 साल बाद अचानक मीडिया के सामने आए। एक रेस्टोरेंट में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने तत्कालीन अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए।
अफसरों पर भ्रष्टाचार के इल्जाम
जय भगवान ने तत्कालीन डीएम कौशलराज शर्मा, एडीएम वित्त क्रांतिचंद शर्मा, एडीएम प्रशासन इंद्रमणि त्रिपाठी, एसडीएम जानसठ उमेश मिश्रा और तहसीलदार राकेश शर्मा पर भूमाफियाओं से साठगांठ और लूट-घोटालों के आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि उनके पास सभी प्रमाण हैं।
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‘अफसरशाही: एक अनसुना सच’
जय भगवान ने अपनी किताब ‘अफसरशाही: एक अनसुना सच’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस किताब में अफसरों की भ्रष्टाचार और भूमाफियाओं से गठजोड़ का ‘अनसुना सच’ छिपा है। किताब पढ़कर हर कोई हैरान रह जाएगा।

2014 का पुराना मामला
2014 में जय भगवान पर आरोप लगा था कि उन्होंने पद का दुरुपयोग कर सरकारी भूमि अपने नाम कर ली और कई पट्टे काटे। करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने का इल्जाम था। उन पर 16 मुकदमे दर्ज हुए। गैंगस्टर एक्ट लगाया गया। भूमाफियाओं की टॉप टेन लिस्ट में शामिल किया गया।
हाईकोर्ट से मिली राहत
सभी मुकदमे कोर्ट में विचाराधीन हैं। जय भगवान को हाईकोर्ट से सभी में स्टे मिला हुआ है। उन्होंने दावा किया कि साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया।
75 बीघा जमीन का दावा
जय भगवान ने कहा कि उनकी 75 बीघा जमीन है। 64 बीघा उच्चाधिकारियों से अनुमति लेकर खरीदी गई, बाकी पैतृक है। कुर्की के नाम पर अफसरों ने अरबों की फसल भूमाफियाओं को लुटवा दी। जबकि कुर्क संपत्ति को सुरक्षित रखने का प्रावधान है।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
जय भगवान ने उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर जांच और आरोपी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रताड़ित किया गया, लेकिन अब सच सामने लाएंगे।
मामले की संवेदनशीलता
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस 2014 के पुराने मामले को फिर से जीवंत कर रही है। प्रशासन की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन आरोप गंभीर हैं और जांच की मांग उठ रही है।





