पावन गंगा तट पर भक्ति और संगीत का दिव्य संगम, जहां सूफी धुनों ने श्रद्धालुओं के दिलों को छू लिया
मुजफ्फरनगर के शुक्रताल घाट पर 2 नवंबर से शुरू हुए चार दिवसीय कार्तिक गंगा स्नान मेले ने धार्मिक उत्साह की नई ऊंचाइयों को छुआ। पौराणिक तीर्थ नगरी में गंगा आरती के साथ मेला धूमधाम से प्रारंभ हुआ।
मुख्य स्नान 5 नवंबर को होगा, लेकिन पहले ही दिन हजारों श्रद्धालु स्नान के लिए उमड़ पड़े। एडीजी मेरठ जोन भानु भास्कर, डीआईजी सहारनपुर अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी उमेश मिश्रा और एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया।

आस्था और संस्कारों का अनोखा मेल
शुक्रताल, जहां शुक्राचार्य ने तपस्या की, गंगा के पावन तट पर श्रद्धालुओं ने आधुनिकता और प्राचीन विरासत का संगम देखा। स्नान के बाद दीप प्रज्वलन और पूर्वजों को श्रद्धांजलि ने माहौल को भावुक बना दिया। लोग आंखों में आंसू लिये अपनों को याद करते नजर आए। यह मेला न केवल धार्मिक है, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव का रूप भी ले चुका है।
कैलाश खेर की संगीतमय संध्या
मेले की शोभा बढ़ाने के लिए पद्मश्री कैलाश खेर की सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ। लोक, सूफी, पॉप रॉक और आध्यात्मिक धुनों से परिपूर्ण उनके गीतों ने घाट को शंकरमय बना दिया।
‘तेरी दीवानी’, ‘सैया’, ‘कौन है वो’, ‘जय जयकारा’, ‘बम लहरी’, ‘यही चला चला’, ‘या रब्बा’ और ‘अल्लाह के बंदे’ जैसे लोकप्रिय गीतों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। संगीत की गूंज से आकाश-पाताल गुंजायमान हो उठे।
जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का योगदान
कार्यक्रम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा, मंत्रियों के मार्गदर्शन, मंडलायुक्त के निर्देशन और जिलाधिकारी उमेश मिश्रा तथा एसएसपी संजय कुमार वर्मा की कर्तव्यनिष्ठा से सफल हुआ।
राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल, मुख्य विकास अधिकारी कंडारकर कमल किशोर देशभूषण, ADM (प्रशासन) संजय कुमार सिंह, ADM (F) गजेंद्र कुमार, नगर मजिस्ट्रेट पंकज प्रकाश राठौर, एसडीएम जानसठ राजकुमार, एसडीएम खतौली निकिता शर्मा, एसडीएम बुढ़ाना अपूर्वा यादव, तहसीलदार जानसठ श्रद्धा गुप्ता, शाहिद समेत सभी अधिकारी, साधु-संत और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

सुरक्षा और व्यवस्थाओं का मजबूत इंतजाम
मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात है। गहरे पानी में जाने से रोकने, टेंट लगाने, स्वच्छता और पार्किंग की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी तैयारियां समय से पूरी हैं। यह मेला शुक्रताल को धार्मिक नगरी के रूप में स्थापित करता है।
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आस्था का सैलाब और भावुक क्षण
श्रद्धालु भाव-विभोर होकर मां गंगा का आशीर्वाद ले रहे हैं। दीप प्रज्वलन में पूर्वजों को याद कर आंखें नम हो गईं। जिला प्रशासन, पुलिस और पंचायत को इतिहास रचने के लिए धन्यवाद दिया जा रहा है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की विरासत को जीवंत करता है।
 




