उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पर्यावरण संरक्षण के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई हो रही है, जबकि जमीनी हकीकत एनजीटी के सख्त नियमों का खुला उल्लंघन बयां कर रही है। लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो के बावजूद स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। अधिकारी कुंभकर्ण की तरह गहरी नींद में सोए हुए हैं, जिससे कचरा माफिया बेखौफ होकर नियम तोड़ रहे हैं।
जौली रोड पर फिर वीडियो वायरल
मंगलवार को एक बार फिर नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के जौली रोड पर बिलासपुर गांव के आसपास एक प्रदूषित ट्रेक्टर ट्रॉली की वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि ट्रॉली में पॉलीथीन और प्लास्टिक वेस्ट को खुले रूप से लादकर ले जाया जा रहा है, जिससे सड़क पर कचरा बिखर रहा है। यह वीडियो सुबह करीब साढ़े नौ बजे की है, जब ट्रॉली गांव से गुजर रही थी।
आख़िरकार @uppcbofficial को ये सब दिखाई क्यों नहीं देता? क्या प्लास्टिक वेस्ट एवं पॉलिथिन कचरा इस तरह खुला ले जाना @NGTribunal के नियमों का उल्लंघन नहीं है?
वीडियो मंगलवार सुबह #मुज़फ़्फ़रनगर के जौली रोड का है! #Muzaffarnagar @UPPCBLKO @CPCB_OFFICIAL @MuzaffarnagarDm pic.twitter.com/k63QB23xrY
— Amit Kr Saini (@editoramitsaini) September 16, 2025
एनजीटी के स्पष्ट आदेश हैं कि कोई भी वेस्ट, खासकर केमिकल अवशेष, प्लास्टिक और पॉलीथीन कचरा खुला नहीं ले जाया जा सकता। लेकिन मुजफ्फरनगर में ये नियम कचरा माफियाओं के लिए महज मजाक बनकर रह गए हैं। इस तरह का खुले परिवहन न केवल सड़कों को प्रदूषित करता है, बल्कि मिट्टी और जल स्रोतों को भी जहरीला बना देता है।
प्रदूषण बोर्ड की लापरवाही पर सवाल
पिछले कई दिनों से ऐसी वीडियो वायरल हो रही हैं, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी न तो जांच कर रहे हैं और न ही कार्रवाई। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है।