Home » उत्तर प्रदेश » मुजफ्फरनगर पोस्ट » UP: RDF पर घमासान को एक महीने की मोहलत, मिल बंदी की ‘गीदड़ भभकी’ और ‘भाला-फोड़’ धमकी से खूब गर्माया माहौल, ‘सुन्न’ हो गए अधिकारी, पढ़िए पूरा मामला

UP: RDF पर घमासान को एक महीने की मोहलत, मिल बंदी की ‘गीदड़ भभकी’ और ‘भाला-फोड़’ धमकी से खूब गर्माया माहौल, ‘सुन्न’ हो गए अधिकारी, पढ़िए पूरा मामला

Muzaffarnagar Paper Mills vs Farmers: One-Month Truce
Facebook
Twitter
WhatsApp

एक तरफ किसानों का जीवन, दूसरी तरफ मिलों का मुनाफा… दोनों के बीच टकराव इतना तेज कि बैठक में ‘भाला-फाड़’ तक की बात आ गई, लेकिन आखिरकार एक महीने की मोहलत पर सहमति बन गई।


 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में शुक्रवार किसानों, भाकियू कार्यकर्ताओं, पेपर मिल मालिकों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत सभागार में बैठक हुई। मुद्दा था… आरडीएफ (रिफ्यूज डेराइव्ड फ्यूल) का जलाना , लगातार बढ़ता प्रदूषण, भोपा रोड एवं जौली रोड के प्रभावित गांव के ग्रामीणों की दुर्दशा। राकेश टिकैत ने शुरू में ही साफ कर दिया कि मुजफ्फरनगर में बाहर का कचरा नहीं आएगा और ना ही मिलों में जलाया जाएगा।

 

Muzaffarnagar Paper Mills vs Farmers: One-Month Truce

 

पंकज अग्रवाल का दो टूक जवाब

इस पर उत्तर प्रदेश पेपर मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने दो टूक कहा,

“आरडीएफ बिना पेपर मिल चलाना मुश्किल है। हम इतने दबाव में मिलें नहीं चला पाएंगे। सरकार से परमिशन मिली हुई है। अगर ऐसा ही है तो हम मिलों की चाबियां सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप देंगे।”

पंकज के बयान पर मौजूद सभी मिल मालिकों ने एक सुर में समर्थन दिया।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by The x India (@thexindia)

भड़के राकेश टिकैत, दे डाली ‘आर-पार’ की चेतावनी

पंकज अग्रवाल के जवाब पर राकेश टिकैत भड़क उठे। उन्होंने कहा,

“अगर ऐसा ही है तो मुजफ्फरनगर की सीमा में कोई कचरे का ट्रक नहीं घुसने देंगे। सीमा में घुसा तो भाला मारकर टायर फाड़ देंगे।”

 

 

View this post on Instagram

 

A post shared by The x India (@thexindia)

जिसके बाद शांतिपूर्ण तरीके से चल रही बैठक में हंगामा खड़ा हो गया। किसानों ने राकेश टिकैत की हां में हां मिलाते हुए कि जो राकेश ठिकैत कहेंगे, वो ही करेंगे और वो ही होगा।

मुजफ्फरनगर: प्रदूषण मंत्री के भांजे की पेपर मिल का काला सच; सिलाजुड्डी गांव में काला धुआं, सड़ा RDF कचरा! ग्रामीण बोले “सांस लेना मुहाल”!

AE ने ठंडा किया माहौल

राकेश टिकैत के तेवर और मिल मालिकों के निर्णय से बैठक का माहौल एकदम बदल गया। जिसके बाद राकेश ठिकैत ने जिला प्रशासन के पाले में गेंद को फेंकते हुए कहा कि हमने तो फैसला कर लिया है, बाकि अब बैठक में मौजूद अधिकारी जानें।

ये सुनकर अधिकारियों को जैसे सांप सूंघ गया और अधिकारी एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे। कोई भी बोलने को तैयार नहीं हुआ, जिसके बाद स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एई कुंवर संतोष कुमार ने माइक थामकर माहौल शांत करने की कोशिश की।

उन्होंने कचरे और आरडीएफ के अंतर को शांतिपूर्ण तरीके से समझाया। बताया कि कूड़ा साफ करके आरडीएफ तैयार किया जाता है, जिसे जलाने के लिए फैक्ट्रियों तक पहुंचाया जाता है।

 

Muzaffarnagar Paper Mills vs Farmers: One-Month Truce

 

अमित गर्ग की मोहलत वाली अपील

किसानों और मिल मालिकों के बीच उत्पन्न हुए विवाद पर सिल्वरटोन के मालिक और वरिष्ठ व्यापारी नेता अमित गर्ग ने बीच-बचाव किया।

उन्होंने कहा,

“पेपर मिल मालिकों को एक महीने का समय दिया जाए। समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा, सुधार किए जाएंगे।”

पंकज अग्रवाल समेत सभी मिल मालिकों ने भी एक महीने का समय मांगा।

 

मुजफ्फरनगर टोल पर BKU तोमर की गुंडई पर पुलिस का एक्शन, 18 नामजद समेत 30–40 अज्ञात पर FIR, कई गाड़ियां सीज!

 

एक महीने की मोहलत, अगली बैठक 2 फरवरी

अंत में सहमति बनी कि अगली बैठक 2 फरवरी को होगी। तब तक दोनों पक्ष अपनी-अपनी कमेटियां बनाएंगे। राकेश टिकैत ने इलाके के गणमान्य ग्रामीणों की कमेटी गठित की, जो मिलों पर नजर रखेगी और सुधारों का विश्लेषण करेगी। मिल मालिकों ने भी कमेटी बनाई, जो आरोपों के निस्तारण के प्रयासों को अंजाम देगी।

 

Muzaffarnagar Paper Mills vs Farmers: One-Month Truce

 

केले-गन्ने की पत्ती ने उड़ाया ‘गर्दा’

बैठक में किसानों ने काली राख/छाई से लबालब केले का पत्ता और गन्ने की पत्ती लाकर रख दी। जहां पत्तियां रखी गईं, वहां सब काला हो गया। एडीएम को अपनी डायरी तक साफ करनी पड़ी। पंकज अग्रवाल समेत अन्य को हाथ साफ करने पड़े। ये स्थिति देखकर हर कोई हैरान रह गया। पेपर मिल मालिकों की बोलती बंद हो गई और माना कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है, जिसे सुधारा जाना जरूरी है।

 

प्रभात कुमार बैठक से दूर

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया-किसानों पर ‘हमला’ करने वाले आरामको पेपर मिल मालिक प्रभात कुमार (वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केपी मलिक के रिश्तेदार) को इस बैठक से दूर रखा गया।

सूत्रों के मुताबिक, फजीहत से बचने के लिए मिल मालिकों ने ही उन्हें बाहर रखा।

 

‘मामा प्रदूषण मंत्री हैं तो डर काहे का?’ आरामको पेपर मिल मालिक की ‘टशन’! मीडिया-किसानों पर हमला; फैक्ट्री उगल रही ‘काला ज़हर’, लेकिन ‘भांजे की अकड़’ बरकरार

 

बैठक में मौजूद प्रमुख लोग

बैठक में एडीएम प्रशासन, सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी सिटी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम, भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, जिला अध्यक्ष नवीन चौधरी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

Muzaffarnagar Paper Mills vs Farmers: One-Month Truce

प्रदूषण का खतरनाक स्तर

मुजफ्फरनगर में AQI लगातार खतरनाक स्तर पर है। पेपर मिलों से निकलता धुआं और स्लज मुख्य वजह है। लोग बीमार पड़ रहे हैं। बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। पेपर मिल मालिकों की लापरवाही और अनदेखी के कारण लोगों को खुद सड़क पर उतरना पड़ा और शायद ये ही वजह है कि मुजफ्फरनगर में प्रदूषण के खिलाफ पहली बार इतना बड़ा आंदोलन शुरू हुआ।

योगी के मंत्री ने ली अधिकारियों की ‘क्लास’! AE और JE को जमकर हड़काया!

‘द एक्स इंडिया’ का ‘ऑपरेशन वायु’

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में प्रदूषण के खिलाफ पिछले तीन साल से ‘द एक्स इंडिया’ (पूर्व में समाचार टुडे) का ‘ऑपरेशन वायु’ और ऑप्रेशन ‘लानत’ चल रहा है। इस ऑपरेशन के तहत लगातार खबरें, पड़ताल, वीडियो और साक्ष्य सामने लाकर लोगों को जागरूक किया गया। ऑपरेशन की बदौलत स्थानीय लोग प्रदूषण के असली कारणों से रू-ब-रू हुए, जिसके परिणामस्वरूप किसान संगठन और आम जनता ने एकजुट होकर आंदोलन शुरू किया।

‘ऑपरेशन वायु’ ने न केवल पेपर मिलों की प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को उजागर किया, बल्कि प्रशासन को भी कार्रवाई के लिए मजबूर किया। आज इसी ऑपरेशन का दबाव है कि मिल मालिक बैठक में बैठे और एक महीने की मोहलत मांग रहे हैं। यह ऑपरेशन सिर्फ खबरें नहीं, बल्कि हवा को सांस लेने लायक बनाने की लड़ाई है और यह लड़ाई अब रुकेगी नहीं।

 

लोगों की उम्मीद और सवाल

किसान और ग्रामीण प्रदूषण से त्रस्त हैं। एक महीने की मोहलत मिली है, लेकिन क्या सुधार होंगे? क्या मिल मालिक वादे निभाएंगे? या फिर फिर वही पुरानी कहानी कि प्रदूषण बढ़ेगा, लोग बीमार पड़ेंगे और माफिया जेब भरते रहेंगे?

ADVT_WhatsAPP_The X India_Web

नकली लिक्विड यूरिया का ‘डार्क हब’ बना मुजफ्फरनगर! टाटा-महिंद्रा के नाम पर सप्लाई, रात के अंधेरे में चलता काला कारोबार! ‘द एक्स इंडिया’ का सनसनीखेज खुलासा- भाग-1

टॉप स्टोरी

ज़रूर पढ़ें