मुजफ्फरनगर के मीनाक्षी चौक का नाम अटल चौक करने पर हो रहे विरोध को राकेश टिकैत ने सिरे से खारिज कर दिया। सीधे सवाल दागा कि “मीनाक्षी कौन था? किसी ने इस नाम का आदमी देखा है क्या? अटल बिहारी वाजपेयी को तो सब जानते हैं, वो देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके नाम पर चौक रखने में दिक्कत क्या है?” टिकैत का साफ कहना कि नाम रख दो, कोई हर्ज नहीं।
कथित हिंदूवादियों पर बरसे टिकैत
टिकैत ने उन “कथित हिंदूवादी नेताओं” पर जोरदार हमला बोला जो माथे पर लाल तिलक, गले में केसरिया गमछा डालकर हिंदुत्व का झंडा बुलंद करते हैं, लेकिन मीट खाने से बाज नहीं आते। वो बोले कि “अब ये नहीं चलेगा कि हिंदू संगठन का नाम लेकर अटल चौक पर मीट खाओ। ऐसे लोगों की सुताई का अभियान चलेगा।”

पिटाई की आशंका की खुली चेतावनी!
टिकैत ने आशंका भरे लहजे में चेताया कि “तिलक लगाया और वहां जाकर मीट खाया? अगर कोई फंसा तो पिटेगा ही पिटेगा!” आगे कहा कि ऐसे लोग बीजेपी का नाम भी बदनाम कर रहे हैं। “बीजेपी का आदमी मीट नहीं खाता, लेकिन ये लोग खाकर पार्टी की इज्जत मिट्टी में मिला रहे हैं।”
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पुराना दर्द भी झलका
बात करते-करते टिकैत के चेहरे पर पुराना दर्द उभर आया। उन्होंने वो दिन याद किया जब वो हिंदूवादी संगठनों के कार्यक्रम में बिन बुलाए समर्थन देने पहुंचे थे। वहां घोर विरोध हुआ, पगड़ी तक उछाल दी गई। टिकैत ने कहा कि “उस दिन तो ये लोग हमारा पूरा विरोध कर रहे थे…”
बीजेपी पर सीधा निशाना
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया और कहा कि “पहले मुस्लिमों को खिलाफ किया, अब ईसाइयों को। चर्च जला रहे हो!”
आगे पूछा कि “यूरोप के देशों में हमारे लोग रहते हैं, उनकी आज क्या हालत है?” टिकैत का इशारा साफ है कि ध्रुवीकरण की राजनीति से देश का नुकसान हो रहा है।
नामकरण विवाद में नया मोड़
अटल चौक नामकरण पर विरोध कर रहे कुछ संगठनों को टिकैत ने करारा जवाब दिया। उनका स्टैंड साफ है कि अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान नेता के नाम पर चौक रखना गर्व की बात है। लेकिन कथित हिंदूवादियों की करतूतों पर सख्ती जरूरी है।
मुजफ्फरनगर में यह बयान नया विवाद खड़ा कर सकता है।




