धार्मिक उमंग और उत्सवों से भरा अक्टूबर
नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के हिसाब से अक्टूबर 2025 का महीना ऐसा धमाकेदार होने वाला है कि हर दिन कोई न कोई त्योहार आपके दरवाजे पर दस्तक देगा!
शारदीय नवरात्रि की विदाई से शुरू होकर छठ महापर्व के भक्ति भरे समापन तक, यह महीना दशहरा, दीपावली, करवा चौथ, भाई दूज जैसे बड़े पर्वों और शरद पूर्णिमा, अहोई अष्टमी, रमा एकादशी जैसे पुण्यदायी व्रतों से सजा है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर किसी के लिए इस महीने में है कुछ खास!
आइए, तारीख दर तारीख जानें इस धार्मिक मेले का रंगारंग कैलेंडर!
2 अक्टूबर: दशहरा (विजयादशमी)—रावण का दहन, सत्य की जीत!
असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा 2 अक्टूबर को पूरे जोश के साथ मनाया जाएगा। बुराई पर अच्छाई का यह पर्व भगवान श्रीराम के रावण वध की गाथा को जीवंत करता है। सड़कों पर रावण दहन का तमाशा, शस्त्र पूजन और विजय के जश्न का माहौल होगा। लोग उत्साह में डूबकर “जय श्री राम” के नारे लगाएंगे!
3 अक्टूबर: पापांकुशा एकादशी—पापों से मुक्ति, मोक्ष का रास्ता
भगवान विष्णु को समर्पित इस एकादशी का व्रत पापों को धो देता है। भक्त सुबह से उपवास रखकर भगवान नारायण की पूजा करेंगे। मान्यता है कि यह व्रत मोक्ष का द्वार खोलता है। भक्ति में डूबने का यह शानदार मौका है!
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4 अक्टूबर: शनि प्रदोष व्रत—शिव और शनिदेव की कृपा
शनि और शिव की साधना का खास दिन। इस व्रत से रुके हुए काम बनते हैं, और बाधाएं टलती हैं। मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी, और शिवलिंग पर जल चढ़ेगा। शनिदेव को तेल अर्पित करने का भी खास महत्व!
6 अक्टूबर: शरद पूर्णिमा—चांदनी में अमृत की खीर
चांद की चांदनी में अमृत बरसने की रात! शरद पूर्णिमा पर लोग खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखेंगे, फिर उसे प्रसाद के रूप में बांटेंगे। यह रात स्वास्थ्य और सौंदर्य का वरदान देती है। मां लक्ष्मी की पूजा भी होगी।
7 अक्टूबर: वाल्मीकि और मीराबाई जयंती—भक्ति और साहित्य का संगम
रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि और भगवान कृष्ण की परम भक्त मीराबाई की जयंती। भक्त मंदिरों में भजन-कीर्तन करेंगे, और रामायण पाठ का आयोजन होगा। मीराबाई की भक्ति से प्रेरणा लेने का दिन!
8 अक्टूबर: कार्तिक मास शुरू—पुण्य, स्नान और दान का महीना
कार्तिक मास की शुरुआत धार्मिक उमंग लेकर आएगी। स्नान, दान और पूजा से पुण्य कमाने का यह सबसे पवित्र महीना माना जाता है। तुलसी पूजन और दीपदान का खास महत्व होगा।
10 अक्टूबर: करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी—सुहाग और सिद्धि का दिन
सुहागिनें करवा चौथ पर पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखेंगी। चांद देखकर व्रत खोला जाएगा। उसी दिन संकष्टी चतुर्थी पर गणपति बप्पा की पूजा से बाधाएं दूर होंगी। मंगलमयी दिन, दोहरी भक्ति के साथ!
13 अक्टूबर: अहोई अष्टमी—मां का बच्चों के लिए तप
माएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए अहोई माता का व्रत करेंगी। तारों को देखकर व्रत खोला जाएगा। घरों में मां अहोई की तस्वीर की पूजा और कथा सुनाई जाएगी।
17 अक्टूबर: रमा एकादशी और गोवत्स द्वादशी—लक्ष्मी और गौ माता का आशीर्वाद
रमा एकादशी पर मां लक्ष्मी की पूजा से दरिद्रता भागेगी। उसी दिन गोवत्स द्वादशी पर गाय और बछड़े की पूजा से सुख-समृद्धि आएगी। भक्त सुबह से उपवास रखकर मंदिरों में उमड़ेंगे।
18 अक्टूबर: धनतेरस—धन और स्वास्थ्य का त्योहार
धनतेरस पर मां लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि की पूजा होगी। लोग बर्तन, सोना-चांदी खरीदेंगे। घरों में दीप जलेंगे, और समृद्धि की कामना होगी। बाजारों में रौनक चरम पर!
19 अक्टूबर: हनुमान जयंती—बजरंग बली की भक्ति
हनुमान जी का यह दिन भय और संकट मिटाने वाला है। सुंदरकांड, हनुमान चालीसा और रामचरितमानस का पाठ होगा। भक्त मंदिरों में लाल लंगोट चढ़ाएंगे।
20 अक्टूबर: नरक चतुर्दशी और दीपावली—रोशनी का महापर्व
नरक चतुर्दशी पर भगवान कृष्ण के नरकासुर वध की याद में दीप जलेंगे। दीपावली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा होगी। घरों में रंगोली, दीपों की सजावट और मिठाइयों की महक होगी। अंधेरे पर रोशनी की जीत का जश्न!
21 अक्टूबर: कार्तिक अमावस्या—पितरों को तर्पण
पितरों के लिए दीपदान और तर्पण का खास दिन। पुण्य कमाने के लिए नदियों में स्नान और दान का महत्व। भक्त पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करेंगे।
22 अक्टूबर: गोवर्धन पूजा और अन्नकूट—कृष्ण की लीला
भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों को बचाया था। इस दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट में तरह-तरह के पकवान भगवान को अर्पित होंगे।
23 अक्टूबर: भाई दूज—भाई-बहन का प्यार
दीपावली का अंतिम दिन। बहनें भाइयों को तिलक लगाकर लंबी उम्र की दुआ करेंगी। भाई उपहार देंगे, और प्यार का बंधन मजबूत होगा।
25 अक्टूबर: विनायक चतुर्थी—गणपति की सिद्धि
भगवान गणेश की पूजा से हर बाधा दूर होगी। नए काम शुरू करने का यह शुभ दिन है। मंदिरों में मोदक और लड्डू चढ़ेंगे।
27 अक्टूबर: छठ महापर्व—सूर्य की भक्ति का चार दिन का उत्सव
सूर्य देव और छठी मइया को समर्पित यह पर्व बिहार, झारखंड और पूर्वी यूपी में धूमधाम से मनाया जाएगा। निर्जला व्रत और सूर्य को अर्घ्य देने की रस्म होगी। नदियों के घाट भक्तों से गूंजेंगे।
31 अक्टूबर: अक्षय कूष्माण्ड नवमी—सुख-समृद्धि का आशीर्वाद
माता कूष्माण्डा की पूजा से सौभाग्य और समृद्धि मिलेगी। दान-पुण्य का यह दिन भक्तों के लिए खास होगा।
अक्टूबर का रंग: भक्ति, उत्सव और संस्कृति का संगम
यह महीना धार्मिक उत्साह, भक्ति और पारंपरिक रंगों से भरा है। हर तारीख पर एक नया उत्सव, हर घर में खुशी का माहौल! तो तैयार हो जाइए, क्योंकि अक्टूबर 2025 में हर दिन एक नया जश्न लेकर आ रहा है!