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क्वेटा में अफगान प्रवासियों पर सख्ती: पाकिस्तान ने दिया सात दिन का अल्टीमेटम

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काबुल. पाकिस्तानी अधिकारियों ने क्वेटा में रह रहे अफगान प्रवासियों को एक सप्ताह के भीतर शहर छोड़ने का आदेश दिया है। अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

स्थानीय मीडिया के हवाले से डिप्टी कमिश्नर मंसूर अहमद ने बताया कि मकान मालिकों और दुकानदारों को निर्देश दिया गया है कि वे अफगान प्रवासियों को किराए पर दी गई संपत्तियों को सात दिनों के भीतर खाली कराएं।

अफगान समाचार एजेंसी ‘खामा प्रेस’ के अनुसार, समय सीमा समाप्त होने के बाद प्रवर्तन टीमें संपत्तियों का निरीक्षण शुरू करेंगी। मकान मालिकों को चेतावनी दी गई है कि आदेश का पालन न करने पर उन पर जुर्माना लगेगा और गिरफ्तारी भी हो सकती है।

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यह कार्रवाई अवैध प्रवासियों के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा है।यह आदेश स्पिन बोल्डक सीमा पर पाकिस्तानी सेना और तालिबान लड़ाकों के बीच बुधवार को हुई हिंसक झड़पों के बाद आया है।

इसके बाद दोनों देश 48 घंटे के युद्धविराम पर सहमत हुए, जो बुधवार शाम 5:30 बजे (काबुल समय) से लागू है। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि यह युद्धविराम पाकिस्तान के अनुरोध पर हुआ।

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि यह कार्रवाई पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते राजनीतिक और सैन्य तनाव के साथ मेल खाती है, जिससे निर्वासन और उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं। क्वेटा में अफगान शरणार्थियों ने बताया कि सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद पुलिस उत्पीड़न, गिरफ्तारियां और बेदखली में वृद्धि हुई है, जिससे हजारों विस्थापित परिवार भय और अनिश्चितता में जी रहे हैं।

रावलपिंडी में रह रहे एक पूर्व अफगान सैन्य अधिकारी रहीमुल्लाह ने रेडियो आजादी को बताया कि सीमा पर झड़पों के बाद जीवन कठिन हो गया है। उन्होंने कहा, “मेरे मकान मालिक ने मुझे बिना वीजा के कारण घर खाली करने को कहा। पुलिस गश्त बढ़ गई है, और मकान मालिक अफगानों को हर जगह से निकाल रहे हैं।”

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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कथित तौर पर पाकिस्तानी पुलिस को अफगान प्रवासियों को गिरफ्तार करने के लिए ट्रक तैनात करते देखा गया है। हजारा टाउन के निवासियों ने बताया कि पुलिस घर-घर तलाशी ले रही है और बिना कानूनी दस्तावेज वालों को हिरासत में ले रही है।

क्वेटा की निवासी तैयबा हुसैनी ने रेडियो आजादी को बताया कि स्थिति ऑनलाइन दिखाए जा रहे हालात से भी बदतर है। उन्होंने कहा कि सड़कें बंद हैं और बिना दस्तावेज वाले किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा रहा है।

अफगान शरणार्थियों ने पाकिस्तानी अधिकारियों और संयुक्त राष्ट्र से दबाव कम करने और वीजा अवधि बढ़ाने की मांग की है, क्योंकि उन्हें निर्वासन या हिरासत का डर सता रहा है।

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