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रूस ने UNSC में ट्रंप की गाजा शांति योजना को चुनौती दी: पुतिन-नेतन्याहू की फोन कॉल में गाजा, ईरान न्यूक्लियर और सीरिया पर चर्चा

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नई दिल्ली.  रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20-सूत्रीय गाजा शांति योजना को चुनौती देते हुए अपना वैकल्पिक प्रस्ताव पेश किया है। यह कदम ट्रंप की योजना को UN समर्थन दिलाने के अमेरिकी प्रयासों के बीच आया है। उसी दिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच फोन पर बात हुई, जिसमें गाजा युद्धविराम, ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम और सीरिया की स्थिरता पर विस्तृत चर्चा हुई।

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पुतिन-नेतन्याहू फोन कॉल: पुतिन की पहल पर हुई बातचीत

क्रेमलिन और इजरायली PMO के अनुसार, कॉल पुतिन की पहल पर हुई। दोनों ने मिडिल ईस्ट की स्थिति पर “गहन आदान-प्रदान” किया। क्रेमलिन ने कहा, “गाजा पट्टी में युद्धविराम और बंधकों की अदला-बदली, ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की स्थिति, और सीरिया में स्थिरता प्रयासों पर चर्चा।” इजरायली मीडिया के अनुसार, नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, “यह क्षेत्रीय मुद्दों पर पिछली बातचीतों का हिस्सा था।” यह अगस्त के बाद पहली कॉल थी, जब दोनों ने सीरिया और ईरान पर बात की थी।

रूस का UNSC प्रस्ताव: ट्रंप योजना को ‘विभाजनकारी’ बताया

रूस ने गुरुवार को अपना ड्राफ्ट प्रस्ताव पेश किया, जो ट्रंप की योजना से काफी अलग है। रूसी ड्राफ्ट में कहा गया है कि “कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों की स्थिति क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है।” यह योजना इजरायल की सुरक्षा चिंताओं को नजरअंदाज करती है। अमेरिकी UN मिशन ने इसे “विभाजन पैदा करने का प्रयास” बताया और कहा कि यह गाजा के फिलिस्तीनियों के लिए “गंभीर परिणाम” लाएगा।

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ट्रंप की योजना में तत्काल युद्धविराम, इजरायली सेना की चरणबद्ध वापसी, बंधकों की रिहाई, ‘पीस बोर्ड’ (अंतरराष्ट्रीय संक्रमणकालीन प्रशासन), गाजा की डिमिलिटराइजेशन और पुनर्निर्माण शामिल है। रूसी प्रस्ताव UN महासचिव को योजना लागू करने के विकल्प सुझाने को कहता है, लेकिन ‘पीस बोर्ड’ या स्थिरीकरण बल का जिक्र नहीं। रूस, चीन, अल्जीरिया और अरब समूह ने UNSC को फिलिस्तीनी राज्य का समर्थन और योजना पर नियंत्रण सुनिश्चित करने की मांग की।

क्षेत्रीय संदर्भ

  • ट्रंप योजना: 10 अक्टूबर को इजरायल-हमास युद्धविराम का पहला चरण लागू। मिस्र, कतर, तुर्की और अमेरिका ने मध्यस्थता की।
  • रूस की भूमिका: रूस फिलिस्तीनियों का समर्थक रहा है। पुतिन ने हमास को “मानवीय कार्य” के लिए धन्यवाद दिया था।
  • अगला कदम: सोमवार को UNSC में वोटिंग। अमेरिकी प्रस्ताव को समर्थन मिल रहा है, लेकिन रूस-चीन विरोध कर रहे हैं।

यह कॉल और प्रस्ताव मिडिल ईस्ट में रूस-अमेरिका प्रतिस्पर्धा को दर्शाते हैं।

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