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यूजीसी ने 54 निजी विश्वविद्यालयों को पारदर्शिता में चूक के लिए चेतावनी दी

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नई दिल्ली. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश भर के 54 निजी विश्वविद्यालयों को उनके द्वारा निर्धारित पारदर्शिता नियमों का पालन न करने के लिए नोटिस भेजा है।

 

ये विश्वविद्यालय यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार अपनी वेबसाइट पर जरूरी जानकारी साझा करने में नाकाम रहे हैं, जो उच्च शिक्षा में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं।

 

यूजीसी के नियमों के तहत, विश्वविद्यालयों को अपने शैक्षणिक पाठ्यक्रम, फैकल्टी की जानकारी, बुनियादी ढांचा, छात्रों की संख्या, शोध कार्य और वित्तीय विवरण जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां अपनी वेबसाइट पर बिना किसी लॉगिन या रजिस्ट्रेशन के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध करानी होती हैं।

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हालांकि, इन 54 विश्वविद्यालयों ने इस अनिवार्य नियम का उल्लंघन किया है, जिसके चलते यूजीसी ने सख्त रुख अपनाया है।

 

नोटिस जारी होने के बाद, कुछ विश्वविद्यालयों ने अपनी जानकारी को व्यवस्थित करना शुरू कर दिया है और इसे जल्द ही अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने की बात कही है। साथ ही, उन्हें यह जानकारी अब यूजीसी को भी प्रस्तुत करनी होगी।

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यूजीसी का कहना है कि यह व्यवस्था छात्रों, अभिभावकों और अन्य हितधारकों को विश्वसनीय और सुलभ जानकारी प्रदान करने के लिए बनाई गई है, ताकि वे शिक्षा संस्थानों के बारे में सूचित निर्णय ले सकें। यह कदम न केवल विश्वास को मजबूत करता है, बल्कि शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता को भी सुनिश्चित करता है।

 

 

यूजीसी ने बताया कि इन विश्वविद्यालयों को कई बार पत्र, ईमेल और वर्चुअल बैठकों के जरिए नियमों का पालन करने के लिए कहा गया था, लेकिन कोई जवाब न मिलने पर अब इनके नाम और स्थान यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिए गए हैं।

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इन विश्वविद्यालयों में गुजरात, हरियाणा, असम, पंजाब, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, झारखंड, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के संस्थान शामिल हैं।

 

 

यूजीसी ने सुझाव दिया है कि विश्वविद्यालयों की वेबसाइट पर एक सर्च सुविधा होनी चाहिए, ताकि उपयोगकर्ता आसानी से जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकें। यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने इन विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर जोर दिया कि छात्रों और अभिभावकों को संस्थान की पूरी जानकारी उपलब्ध कराना अनिवार्य है।

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यह कदम उच्च शिक्षा में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने की यूजीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, ताकि निजी विश्वविद्यालय गुणवत्ता और विश्वसनीयता के मानकों का पालन करें।

 

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