उत्तराखंड में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 14 अगस्त 2025 को भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसके चलते पूरे राज्य में हाई अलर्ट है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, और उधम सिंह नगर में रेड अलर्ट, जबकि पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, और अल्मोड़ा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
इस कारण सात जिलों देहरादून, नैनीताल, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी घोषित की गई है। केदारनाथ यात्रा को भी 12 से 16 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
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मौसम विभाग की चेतावनी और प्रभावित जिले
IMD के अनुसार, 13 से 16 अगस्त 2025 तक उत्तराखंड में सक्रिय मानसून के कारण हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। 14 अगस्त की शाम तक बारिश की तीव्रता चरम पर रहने का अनुमान है।
रेड अलर्ट वाले जिलों देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत और उधम सिंह नगर में 65-115 मिमी तक बारिश, गरज, बिजली और तेज हवाएं चलने की चेतावनी है।
ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और अल्मोड़ा में भी भारी बारिश और भूस्खलन का जोखिम है। हाल के दिनों में उत्तरकाशी में बादल फटने और 100 से अधिक सड़कों के अवरुद्ध होने से स्थिति और गंभीर हो गई है।
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स्कूल बंद और प्रशासनिक कदम
मौसम की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने सात जिलों में 14 अगस्त को सभी सरकारी और निजी स्कूलों (कक्षा 1 से 12) और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया है। देहरादून जिला मजिस्ट्रेट सविन बंसल ने भूस्खलन और बाढ़ के खतरे का हवाला देते हुए यह फैसला लिया। अन्य जिलों में भी मुख्य शिक्षा अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेट को आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन टीमें, SDRF, और NDRF को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है। हरिद्वार में गंगा नदी, रुद्रप्रयाग में मंदाकिनी, और उत्तरकाशी में भागीरथी नदी के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है।
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केदारनाथ यात्रा पर असर
लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ यात्रा को 12 से 16 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया है। रुद्रप्रयाग में सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर भूस्खलन और मंदाकिनी नदी के उफान के कारण यह निर्णय लिया गया।
पुलिस और SDRF टीमें तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक रही हैं, और गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है। उत्तरकाशी में हाल ही में बादल फटने से एक गांव बह गया, जिसके बाद प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।
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आपदा प्रबंधन और जनता को सलाह
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को सड़कें खोलने, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जल निकासी, और आपातकालीन सेवाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। नदियों के किनारे बसे लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
देहरादून में 14 निचले इलाकों, जैसे प्रेम नगर और कौलागढ़, को खाली करने की तैयारी है। पर्यटकों और तीर्थयात्रियों से चारधाम यात्रा टालने की अपील की गई है। आपातकालीन हेल्पलाइन सक्रिय हैं, और लोग स्कूलों के व्हाट्सएप ग्रुप और IMD की आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट्स देख सकते हैं।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
लगातार बारिश ने उत्तराखंड के स्थानीय अर्थव्यवस्था, खासकर पर्यटन और तीर्थयात्रा पर आधारित व्यवसायों, को प्रभावित किया है। केदारनाथ यात्रा का स्थगन और सड़कों का अवरुद्ध होना स्थानीय व्यापारियों के लिए नुकसानदायक है।
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