नई दिल्ली, 7 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने नेतृत्व के 25वें वर्ष में प्रवेश करने की बात साझा की। उन्होंने बताया कि 7 अक्टूबर, 2001 को उन्होंने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों का आभार जताते हुए कहा कि जनता के विश्वास और समर्थन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने अब तक के सफर को साझा करते हुए चुनौतियों और उपलब्धियों का जिक्र किया।
गुजरात में चुनौतीपूर्ण शुरुआत
पीएम मोदी ने याद किया कि 2001 में जब उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला, तब राज्य कई संकटों से घिरा हुआ था। भूकंप, चक्रवात, सूखा और राजनीतिक अस्थिरता ने गुजरात को मुश्किल दौर में ला खड़ा किया था। उन्होंने लिखा, “पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया और मुझे सेवा का अवसर दिया। इन संकटों ने मेरी जनसेवा की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।”
उन्होंने अपनी मां के शब्दों को याद करते हुए कहा, “मेरी मां ने मुझे दो बातें सिखाईं—गरीबों की सेवा करना और कभी भ्रष्टाचार का रास्ता न अपनाना। मैंने जनता से वादा किया था कि मेरा हर कदम सद्भावना और अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के कल्याण के लिए होगा।”
2001 में गुजरात के बारे में आम धारणा थी कि यह राज्य अब आगे नहीं बढ़ सकता। किसानों को बिजली और पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा था, उद्योग ठप थे और कृषि क्षेत्र संकट में था। लेकिन सामूहिक प्रयासों से गुजरात ने सुशासन का मॉडल पेश किया। पीएम मोदी ने बताया कि सूखा प्रभावित गुजरात को कृषि में अग्रणी बनाया गया, व्यापारिक संस्कृति को औद्योगिक शक्ति में बदला गया और सामाजिक-भौतिक अवसंरचना को मजबूत किया गया।
राष्ट्रीय नेतृत्व और आत्मनिर्भर भारत
2013 में जब पीएम मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया, तब देश भ्रष्टाचार, नीतिगत ठहराव और विश्वास के संकट से जूझ रहा था। उन्होंने लिखा, “यूपीए सरकार के दौर में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद चरम पर था। भारत को वैश्विक मंच पर कमजोर माना जा रहा था। लेकिन जनता ने हमें पूर्ण बहुमत देकर तीन दशक बाद किसी गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया।”
यमन हूती विद्रोहियों का इजरायल पर ड्रोन हमला, ऐलात शहर को निशाना, सेना ने रोका UAV
पिछले 11 वर्षों में भारत ने कई ऐतिहासिक बदलाव देखे। पीएम मोदी ने नारी शक्ति, युवा शक्ति और किसानों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, “25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। भारत अब वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक चमकता सितारा है। हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं हैं।” उन्होंने ‘गर्व से कहो, ये स्वदेशी है’ के नारे के साथ आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को दोहराया।
भविष्य का संकल्प
अपने संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि देश की सेवा करना उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान है। उन्होंने लिखा, “यह जिम्मेदारी मुझे कृतज्ञता और दृढ़ संकल्प से भर देती है। मैं संविधान के मूल्यों को अपनाते हुए ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए और अधिक मेहनत करूंगा।”