अमृतसर/ढाका. गुरु नानक देव जी के 356वें प्रकाश पर्व और गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के पावन अवसर पर अमृतसर से 70 सिख तीर्थयात्रियों का जत्था बांग्लादेश के लिए रवाना हो गया है।
सरहाली स्थित कार सेवा संप्रदाय की अगुवाई में यह जत्था पिछले दो दशकों से हर साल बांग्लादेश की तीर्थयात्रा करता आ रहा है। रवानगी से पहले अमृतसर रेलवे स्टेशन पर एकत्र हुए श्रद्धालुओं को बाबा सुखा सिंह ने सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया।
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जत्था बांग्लादेश के प्रमुख ऐतिहासिक गुरुद्वारों में मत्था टेकेगा:
- ढाका: गुरुद्वारा नानकशाही और गुरुद्वारा संगत टोला
- चटगांव: गुरुद्वारा सिख मंदिर (चौक बाजार) और गुरुद्वारा साहिब
- मैमनसिंह: गुरुद्वारा गुरु नानक मंदिर
आने वाले दिनों में सभी स्थानों पर प्रकाश पर्व और शहीदी दिवस के धार्मिक समारोहों में हिस्सा लिया जाएगा, अरदास की जाएगी और लंगर-दी-सेवा में योगदान दिया जाएगा।
इस बीच, पिछले सप्ताह पाकिस्तान में ननकाना साहिब प्रकाशोत्सव के लिए गए 14 भारतीय तीर्थयात्रियों (दिल्ली-लखनऊ के 8 हिंदू श्रद्धालु सहित) के साथ दुर्व्यवहार की खबर ने सभी को आहत किया है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने हिंदू तीर्थयात्रियों को बस में बैठने से रोक दिया और कहा, “आप हिंदू हैं, सिख जत्थे के साथ नहीं जा सकते।” वीजा देने के बाद उन्हें अपमानित कर वापस भेज दिया गया।
बांग्लादेश में सिख समुदाय को पूरे सम्मान के साथ आमंत्रित किया गया है, जो दोनों देशों के बीच धार्मिक सद्भावना का सुंदर उदाहरण पेश कर रहा है।





