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इंदिरा एकादशी: जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति, जानें शुभ मुहूर्त और पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

Indira Ekadashi 2025
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नई दिल्ली। आश्विन मास (Ashwin Month) के कृष्ण पक्ष की इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) इस बार बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य कन्या राशि (Virgo Zodiac) में और चंद्रमा कर्क राशि (Cancer Zodiac) में रहेंगे। यह पवित्र दिन पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष (Moksha) प्रदान करने के लिए विशेष महत्व रखता है।

 

शुभ मुहूर्त और सावधानियां

दृक पंचांग (Drig Panchang) के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त उपलब्ध नहीं होगा। राहुकाल (Rahu Kaal) दोपहर 12:15 बजे से 1:47 बजे तक रहेगा, जिस दौरान कोई भी शुभ कार्य (Auspicious Work) करने से बचना चाहिए। इस समयावधि में सावधानी बरतने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

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इंदिरा एकादशी का महत्व

गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के अनुसार, इंदिरा एकादशी का व्रत जन्म-जन्मांतर के पापों (Sins of Past Lives) को नष्ट करता है और मृत्यु के बाद आत्मा को वैकुंठ लोक (Vaikuntha Lok) में स्थान दिलाता है। यह व्रत पितरों को नरक (Hell) से मुक्ति दिलाकर उन्हें शांति और उच्च लोक की प्राप्ति कराता है। इस दिन पितरों का तर्पण (Tarpan) और पिंडदान (Pindadaan) करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।

 

पद्म पुराण (Padma Purana) में उल्लेख है कि इंदिरा एकादशी का व्रत कन्यादान (Kanyadaan) और हजारों वर्षों की तपस्या (Penance) से भी अधिक पुण्य प्रदान करता है। यह व्रत करने वाले को मोक्ष के मार्ग (Path to Salvation) पर ले जाता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।

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पितरों को प्रसन्न करने के प्रभावी उपाय

इंदिरा एकादशी पर पितरों को तृप्त करने के लिए कुछ सरल और प्रभावी उपाय (Remedies) किए जा सकते हैं:

  • सरसों के तेल का दीपक: दक्षिण दिशा (South Direction) में सरसों के तेल का दीपक जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं। यह उपाय पितरों की आत्मा को शांति देता है।
  • काले तिल और दाल का दान: एक काले कपड़े में काले तिल (Black Sesame Seeds) और दाल बांधकर गाय को खिलाने से पितरों को तृप्ति मिलती है।
  • पीपल के पेड़ की परिक्रमा: पीपल के पेड़ (Peepal Tree) के नीचे दीपक जलाकर उसकी परिक्रमा (Circumambulation) करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • मंत्र जाप: विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) का पाठ और ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जाप पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करता है।
  • जरूरतमंदों को दान: घी, दूध, दही और चावल का दान (Donation) करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो जीवन में सुख, समृद्धि (Prosperity) और शांति लाता है।

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पितरों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक

इंदिरा एकादशी पितरों के प्रति श्रद्धा और भक्ति (Devotion) का प्रतीक है। इस व्रत को पूर्ण श्रद्धा के साथ करने से न केवल पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति मिलती है, बल्कि व्रती का जीवन भी कल्याणमय (Blessed) बनता है। यह पवित्र दिन न केवल आध्यात्मिक उन्नति (Spiritual Growth) का अवसर प्रदान करता है, बल्कि पारिवारिक सुख और शांति को भी बढ़ाता है।

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