सेनेमी कंसल्टिंग के नाम पर सैकड़ों लोगों से 120 करोड़ रुपये लूटने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। पुरकाजी पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर 4.13 करोड़ का सामान जब्त किया।
- ‘द एक्स इंडिया’ के लिए प्रधान संपादक अमित सैनी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक ऐसे घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसने सैकड़ों परिवारों की जमा-पूंजी को चंद महीनों में निगल लिया। सेनेमी कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की फर्जी कंपनी ने ब्यूटी प्रोडक्ट्स और निवेश की आड़ में लोगों को 16 महीनों में ढाई गुना मुनाफे का लालच दिया।
इस चमक-दमक के पीछे छिपा था 120 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का जाल, जो मुजफ्फरनगर से लेकर हरिद्वार तक फैला था। 5 अक्टूबर 2025 को पीड़ित निवेशकों ने पुरकाजी थाने में लिखित शिकायत दर्ज की, जिसके आधार पर पुलिस ने BNS की धाराओं 351(3), 352, 316(2), 318(4) और सिविल लाइंस में धारा 318(4) के तहत मुकदमा दर्ज किया।
यह घोटाला हाल के वर्षों में उत्तर भारत में हुए बड़े निवेश घोटालों की कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है, जैसे कि 2023 का लखनऊ आधारित पोंजी स्कीम।

तीनों मास्टरमाइंड धरे
SSP संजय कुमार वर्मा, SP नगर सत्यनारायण प्रजापत, CO सदर डॉ. रविशंकर और थानाध्यक्ष जयवीर सिंह के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने 8 अक्टूबर को धमात नहर पुल के पास छापेमारी की।
इस कार्रवाई में तीन मुख्य आरोपी अमित कुमार गौतम (ग्राम खेडकी), डॉ. शादाब (मोहल्ला झोझगांव), और सरफराज (मोहल्ला झोझगांव) को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उनके कब्जे से एक नेक्सॉन कार, कार्यालय का फर्नीचर और लगभग 4.13 करोड़ रुपये मूल्य के सेनेमी ब्रांड के ब्यूटी प्रोडक्ट्स बरामद किए।
हरिद्वार के ज्वालापुर में एक किराए के मकान में बने वेयरहाउस और सरफराज के घर से यह सामान जब्त कर सील कर दिया गया। यह कार्रवाई न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक अपराधों के खिलाफ भी मील का पत्थर साबित होगी।

पत्नी संग रचा गया ठगी का तानाबाना
पूछताछ में अमित कुमार गौतम ने स्वीकार किया कि उसने अपनी पत्नी वंदना के साथ मिलकर 2023 में सेनेमी कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की थी। कंपनी ने निवेशकों को आकर्षक एग्रीमेंट्स और रेफरल बोनस का लालच देकर फंसाया।
शादाब और सरफराज जैसे साथियों ने स्थानीय स्तर पर लोगों को जोड़ा। ठगी के पैसों से आरोपियों ने संपत्तियां खरीदीं, कई शहरों में मार्ट खोले और सेनेमी ब्रांड के तहत ब्यूटी प्रोडक्ट्स व घरेलू सामान बनवाकर बेचने की योजना बनाई।
कुछ निवेशकों को छोटी रकम लौटाकर विश्वास बनाए रखा गया, लेकिन जब देनदारी बढ़ी तो ऑफिस, मार्ट और वेयरहाउस बंद कर सभी फरार हो गए। तीनों आरोपियों के खिलाफ पुरकाजी और सिविल लाइंस थानों में पहले से मारपीट और धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज हैं, जो उनके आपराधिक इतिहास को दर्शाते हैं।
WhatsApp पर E-Challan फाइल भेजकर ठगी करने वाला शातिर साइबर अपराधी Arrest
पुलिस की चेतावनी, ‘सतर्कता ही बचाव’
पुरकाजी पुलिस की इस कार्रवाई में थानाध्यक्ष जयवीर सिंह, वरिष्ठ उपनिरीक्षक सुरेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक नवीन कुमार, जितेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल अरुण कुमार और कांस्टेबल राहुल कुमार, राहुल गिरी, सचिन कुंतल शामिल थे।
पुलिस ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि वे बिना सत्यापन के किसी भी निवेश योजना में पैसा न लगाएं। फर्जी कंपनियों और आकर्षक ऑफर्स से सावधान रहें और संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
अन्य फरार साथियों की तलाश जारी है और पुलिस का दावा है कि यह जाल और गहरा हो सकता है। मुजफ्फरनगर जैसे संवेदनशील जिलों में ऐसी सतर्कता अब समय की मांग है।





