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Muzaffarnagar:रामपुर तिराहा कांड के पीड़ितों को इंसाफ के लिए लंबा इंतजार 29 साल संघर्ष, 12 महीने - the x india
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Muzaffarnagar:रामपुर तिराहा कांड के पीड़ितों को इंसाफ के लिए लंबा इंतजार 29 साल संघर्ष, 12 महीने

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मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड के पीड़ितों को इंसाफ के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। वारदात के बाद 29 साल तक संघर्ष किया। उत्तराखंड संघर्ष समिति हाईकोर्ट पहुंची। मार्च 2023 में एडीजे-7 को सुनवाई के लिए अधिकृत किया गया। तेजी से सुनवाई हुई और अब पहली पत्रावली में फैसले की घड़ी आ पहुंची है।

एक अक्तूबर 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जांच की। 25 जनवरी 1995 को सीबीआई ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे। पहले स्पेशल कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।

उत्तराखंड संघर्ष समिति तेजी से सुनवाई के लिए हाईकोर्ट पहुंची, जिसके बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-7 के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह को सुनवाई के लिए अधिकृत किया था। तीन मार्च 2023 को एक साथ 17 पुलिसकर्मी अदालत में हाजिर हुए थे। इसके बाद तेजी से सुनवाई हुई। यही वजह है कि एक साल बाद ही पहली बार चर्चित मामले में फैसले के लिए तिथि नियत की गई है।

सीबीआई बनाम राजेंद्र की फाइल बंद

रामपुर तिराहा कांड में जीडी (जनरल डायरी) फाड़कर उसके स्थान पर झूठा साक्ष्य गढ़ने के आरोप के मामले में दो अलग-अलग मुकदमों की फाइल बंद हो चुकी है। एसीजेएम प्रथम की कोर्ट में सीबीआई बनाम राजेंद्र सिंह की फाइल चल रही थी। आरोपी तत्कालीन एसओ राजबीर सिंंह, पुलिसकर्मी प्रीतम सिंह, दाताराम और राजेंद्र सिंह की मौत हो चुकी है। पिछले साल ही सीबीआई ने मृत्यु आख्या अदालत में पेश की थी। इसके बाद दोनों पत्रावलियां बंद कर दी गई थीं।

अब इन मामलों में चल रही सुनवाई

रामपुर तिराहा कांड अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या सात में सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी और सीबीआई बनाम मिलाप सिंह की पत्रावली में सुनवाई चल रही है। जबकि एसीजेएम प्रथम में सीबीआई बनाम बृज किशोर और सीबीआई बनाम एसपी मिश्रा की पत्रावली में सुनवाई चल रही है।

ये अभियुक्त हो चुके हाजिर

अब तक अदालत में अभियुक्त राधा मोहन, कृपाल सिंह, सुमेर सिंह, देवेंद्र सिंह, तमकीन अहमद, मिलाप सिंह, सुरेंद्र सिंह, बृजेश कुमार, कुंवरपाल सिंह, प्रबल प्रकाश, रणपाल सिंह, वीरेंद्र कुमार, संजीव कुमार भारद्वाज, राकेश कुमार सिंह, सतीश चंद शर्मा, कुशलपाल सिंह, वीरेंद्र प्रताप, विजय पाल सिंह, नरेश त्यागी पेश होकर अपने वारंट रिकॉल करा चुके हैं।

विक्रम सिंह तोमर भगोड़ा घोषित

लंबे समय से गायब चल रहे दरोगा विक्रम सिंह तोमर की पत्रावली पर सुनवाई हुई। सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परविंद्र सिंह ने बताया कि विक्रम सिंह को भगौड़ा घोषित कर दिया गया है।

इन अभियुक्तों की हो चुकी मौत

रामपुर तिराहा कांड में आरोपी झम्मन सिंह, राजपाल सिंह, महेश चंद शर्मा और नेपाल सिंह की मृत्यु हो चुकी है। सीबीआई ने इसकी आख्या अदालत में पेश कर दी थी।

यहां के रहने वाले हैं दोनों आरोपी

पीएसी गाजियाबाद में सिपाही मिलाप सिंह मूल रूप से एटा के निधौली कलां थाना क्षेत्र के होर्ची गांव का रहने वाला है। दूसरा आरोपी सिपाही वीरेंद्र प्रताप मूल रूप सिद्धार्थनगर के गांव गौरी का रहने वाला है।

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