पुणे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने दीपावली के अवसर पर महाराष्ट्र के किसानों और सामान्य जनता के हित में एक महत्वपूर्ण आंदोलन का आयोजन किया। उन्होंने सरकार से किसानों को बिना देरी के कर्जमाफी प्रदान करने की मांग की, ताकि वे आर्थिक संकट से उबर सकें। पवार ने कहा कि किसान इस राहत के पूर्ण हकदार हैं और राज्य सरकार को इसे प्राथमिकता से लागू करना चाहिए।
पवार ने हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश के कारण किसानों और खेत मजदूरों को हुए भारी नुकसान का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को तुरंत वित्तीय सहायता का पैकेज घोषित करना चाहिए। उन्होंने आंदोलन के दौरान कहा, “हम सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। यह केवल किसानों की मांग नहीं, बल्कि एक सामाजिक दायित्व है।”
राजनीतिक परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए पवार ने कहा कि पहले राजनीति जाति-धर्म से ऊपर उठकर जनकल्याण पर केंद्रित होती थी, लेकिन अब भाजपा के नेतृत्व में सामाजिक विभेद और भेदभाव की राजनीति चरम पर है, जिससे आम लोगों के मुद्दे उपेक्षित हो रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सत्ता पक्ष को गरीबी उन्मूलन, मजदूर कल्याण, महिला सुरक्षा, रोजगार सृजन और छात्रों के हितों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि विभाजनकारी एजेंडे पर।
पवार ने हाल के जैन मंदिर और जैन हॉस्टल विवाद पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ नेता इस मुद्दे का राजनीतिक फायदा उठाने और स्वार्थ सिद्धि के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं। “यह विवाद कमाई के लालच से प्रेरित राजनीति का उदाहरण है। जनता सजग है और इस तरह के प्रयासों का विरोध कर रही है। भाजपा केवल ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है,” उन्होंने कहा।
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रोहित पवार का यह आंदोलन किसानों के आर्थिक संकट, सामाजिक न्याय और शासन में पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे जनहितकारी नीतियों को प्राथमिकता दें और समाज के कमजोर वर्गों की आवाज बनें।
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