लखनऊ. उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में माटीकला मेलों से कारीगरों की बिक्री में 27.7% की वृद्धि दर्ज की। कुल 691 दुकानों से ₹4,20,46,322 की बिक्री हुई, जो पिछले वर्ष की ₹3,29,28,410 से ₹91,17,912 अधिक है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गठित बोर्ड ने परंपरागत माटीकला को संरक्षित करने के साथ आधुनिक विपणन, प्रशिक्षण और निःशुल्क मिट्टी उपलब्ध कराकर हजारों परिवारों को आत्मनिर्भर बनाया है।
मेलों का ब्रेकडाउन:
- 10 दिवसीय माटीकला महोत्सव (लखनऊ, खादी भवन, 10-19 अक्टूबर): 56 दुकानें, ₹1,22,41,700 बिक्री।
 - 7 दिवसीय क्षेत्रीय मेले (गोरखपुर, आगरा, कानपुर देहात, मुरादाबाद, 13-19 अक्टूबर): 126 दुकानें, ₹78,84,410 बिक्री।
 - 3 दिवसीय लघु मेले (70 जनपद, 17-19 अक्टूबर): 509 दुकानें, ₹2,19,20,212 बिक्री।
 
बोर्ड के महाप्रबंधक ने कहा, “योगी सरकार के समर्थन से कारीगर सीधे उपभोक्ताओं से जुड़े। गुणवत्ता, प्रदर्शनी और ब्रांडिंग से बिक्री बढ़ी। आगामी वर्षों में अधिक जिलों में मेले होंगे, वैश्विक बाजार तक पहुंचाएंगे।”
योगी सरकार के प्रमुख कदम:
- माटीकला बोर्ड गठन: कारीगरों की सामाजिक सुरक्षा, तकनीकी विकास, विपणन और रोजगार के लिए।
 - निःशुल्क मिट्टी: प्रजापति समुदाय के लिए गांव तालाबों से मिट्टी निकासी मुफ्त, उत्पादन लागत कम।
 - प्रशिक्षण और नवाचार: डिजाइन विकास, ब्रांडिंग से उत्पादों की वैश्विक पहचान।
 
यह पहल माटीकला को नई पहचान और कारीगरों को आर्थिक सशक्तिकरण दे रही है।
 




