- ‘द एक्स इंडिया’ के लिए प्रधान संपादक अमित सैनी की रिपोर्ट
मुजफ्फरनगर पुलिस ने दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 के भंगेला चेकपोस्ट पर बुधवार की देर रात एक धमाकेदार कार्रवाई को अंजाम दिया। पूर्व विधायक शाहनवाज राणा के बेटे अब्दुल आहद को सांसत में ले लिया गया!
पुलिस को गुप्त टिप मिली थी कि यह ‘फरार शेर का बेटा’ हाईवे पर घूम रहा है। नाकाबंदी के जाल में फंसकर खतौली कोतवाली पुलिस ने उसे दबोचा और नई मंडी कोतवाली को सौंप दिया। पुलिस रिकॉर्ड में अब्दुल आहद ‘मोस्ट वांटेड’ था, जिसे पुलिस अब पिता की मानिंद सलाखों के पीछे भेजने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी करने में जुटी हुई है।

जेल में मोबाइल का ‘स्मगलिंग ड्रामा’
यह गिरफ्तारी कोई मामूली नहीं, बल्कि यह जेल के अंदर साजिश का खुलासा है! अप्रैल 2025 में जेल से शाहनवाज राणा के पास एक मोबाइल बरामद हुआ था, जो बिजनौर के पूर्व विधायक समधी मोहम्मद गाजी के नौकर की आईडी पर रजिस्टर्ड था।
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गाली-गलौज और धमकी पर मुकदमा
राणा ने मोबाइल जब्त होने पर गाली-गलौज की थी। जेलर राजेश कुमार सिंह को धमकी देने पर नई मंडी कोतवाली ने मुकदमा दर्ज किया था। हेड वॉर्डन रामरूप को सस्पेंड कर दिया गया। चार गार्डों पर कार्रवाई हुई। डीजी जेल पीवी रामासत्री ने राणा को चित्रकूट जेल शिफ्ट कर दिया। अब्दुल आहद पर मोबाइल पहुंचाने का सीधा आरोप है!
GST छापे का खौफनाक ‘ब्लडबाथ’
यह सिलसिला अप्रैल 2025 में राणा स्टील मिल पर GST छापे से शुरू हुआ। पूर्व सांसद कादिर राणा की फैक्टरी पर मेरठ से आई सेंट्रल GST टीम डिप्टी डायरेक्टर शरेया गुप्ता के नेतृत्व में पहुंची। फैक्टरी मालिक कादिर राणा के बेटे शाह मोहम्मद दस्तावेज लेकर भागने की कोशिश में थे। भीड़ ने अधिकारियों को घेर लिया। 300 अज्ञात लोगों ने पथराव किया, वाहनों को तोड़ा। पुलिस ने बचाव किया। चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें शाहनवाज राणा, उनका चचेरा भाई सद्दाम राणा और कादिर राणा की दो बेटियां शामिल थी।

हमले के बाद शिकंजा
5 दिसंबर 2024 को GST टीम फैक्टरी पहुंची। दस्तावेजों की तलाश में भीड़ भड़क उठी। अधिकारियों को बंधक बनाया गया। पथराव में कई घायल हुए। BNS की धारा 191(2)(3) (दंगा), 121(1) (सार्वजनिक सेवक को चोट पहुंचाना) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।
विशेष MP-MLA कोर्ट ने 16 दिसंबर 2024 को शाहनवाज और सद्दाम को जमानत दे दी, लेकिन अप्रैल 2025 में गैंगस्टर एक्ट का नया धमाका हुआ। फर्जी कंपनियों से GST चोरी का आरोप लगा। जमानत खारिज हो गई और शाहनवाज राणा को पुलिस ने बाहर निकलने का मौका ही नहीं दिया, वो कई महिनों तक जेल में सड़ते रहे।
गैंगस्टर एक्ट का ‘डेथ ब्लो’
16 अप्रैल 2025 को शाहनवाज राणा, बेटे शाह आजम राणा, कामरान राणा, जिया अब्बास जैदी और तोसीफ पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ। पुलिस ने दावा किया कि राणा परिवार ने फर्जी कंपनियों से अरबों की GST चोरी की।
शाहनवाज राणा कुछ दिन पूर्व ही जेल से बाहर आए हैं, लेकिन उनके जेल से बाहर आते ही पुलिस ने एक बार फिर उनके परिवार पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जिसकी बानगी बीती रात खतौली में उस वक्त देखने को मिली, जब पिता को जेल में मोबाइल पहुंचाने के मामले में फरार चल रहा शाहनवाज राणा का बेटा अब्दुल आहद पुलिस की रडार पर आ गया। बेटा अब्दुल आहद पिता को ‘कनेक्ट’ रखने की कोशिश में फंस गया!
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अब्दुल आहद से कड़ी पूछताछ
एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने कहा कि ‘अब्दुल आहद से कड़ी पूछताछ हो रही है। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।’
राजनीतिक साम्राज्य का पतन
यह गिरफ्तारी राणा परिवार के राजनीतिक किले को हिला रही है। GST छापा और जेल मोबाइल कांड अपराधी साम्राज्य को बेनकाब कर रहा है। पुलिस ने कहा कि अवैध उपकरणों का इस्तेमाल अपराध को बढ़ावा देता है। राणा परिवार का ‘अटूट कनेक्शन’ अब टूट चुका है।





