पटना. बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की शानदार जीत के बाद नई सरकार के गठन की दिशा में बड़ा कदम बढ़ गया है। बुधवार को एनडीए के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया, जिसके बाद यह तय हो गया कि वे गुरुवार को पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
बिहार विधानसभा के सेंट्रल हॉल में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में एनडीए के सभी घटक दलों के नवनिर्वाचित विधायक मौजूद रहे। कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। बैठक में नीतीश कुमार को नेता चुनने का फैसला एकमत से लिया गया, और बाद में उन्हें बधाई दी गई। इससे पहले भाजपा विधायक दल की बैठक में सम्राट चौधरी को नेता और विजय कुमार सिन्हा को उपनेता चुना गया था, जबकि जदयू विधायक दल ने नीतीश को अपना नेता घोषित किया।
20 नवंबर को गांधी मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। आम जनता से लेकर वीआईपी मेहमानों तक के स्वागत के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। मंगलवार को नीतीश कुमार ने खुद गांधी मैदान का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने मंच पर अतिथियों के लिए सीटिंग, अन्य सुविधाओं और सुरक्षा इंतजामों पर अधिकारियों से विस्तार से बात की।
चुनाव नतीजों के अनुसार, एनडीए को कुल 202 सीटें हासिल हुईं। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में 89 सीटों पर जीती। नीतीश कुमार की जदयू 85 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) ने 19 सीटें जीतकर एनडीए में तीसरा स्थान हासिल किया और पूरे बिहार में चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनी। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4 सीटें मिलीं।
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यह जीत एनडीए के लिए विकास और सुशासन की राजनीति पर जनता के भरोसे को दर्शाती है। शपथ समारोह बिहार के नए राजनीतिक दौर की शुरुआत का प्रतीक बनेगा।





