बॉर्डर के गांवों में छिपे शराब के अड्डों पर आबकारी की पैनी नजर, जहां ग्रामीणों को जागरूक कर कसा जा रहा माफियाओं पर शिकंजा
मुजफ्फरनगर में आबकारी विभाग ने कच्ची शराब के अवैध निर्माण, सप्लाई और बिक्री पर लगाम लगाने के लिए विशेष अभियान तेज कर दिया है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह के नेतृत्व में टीम दिन निकलते ही यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर सक्रिय हो गई।
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‘अमला वाला’ में पहली छापेमारी
सुबह-सुबह टीम ने बॉर्डर के ‘अमला वाला’ गांव में दबिश दी। यहां ग्रामीणों के साथ बैठक की गई। अवैध शराब के निर्माण और बिक्री पर रोक लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। ग्रामीणों से सहयोग मांगा गया।

अन्य गांवों में तलाशी
बैठक के बाद टीम बॉर्डर के अन्य गांवों की ओर बढ़ गई। जंगलों और संदिग्ध जगहों पर सघन तलाशी ली गई। विभाग का फोकस बॉर्डर इलाके पर है, जहां शराब स्मगलिंग की शिकायतें ज्यादा आती हैं।
कई दिनों से जारी अभियान
यह अभियान पिछले कई दिनों से चल रहा है। शराब की दुकानों के अलावा बॉर्डर के गांव और जंगल लगातार खंगाले जा रहे हैं। टीम ने कई जगहों पर अवैध शराब बरामद की है।

माफियाओं में हड़कंप
विभाग की ताबड़तोड़ कार्रवाई से शराब माफियाओं में हड़कंप मच गया है। कई माफिया अपना ठिकाना बदल चुके हैं, लेकिन टीम की सतर्कता से बच नहीं पा रहे।
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‘टीम पूरी तरह सक्रिय’ :DEO
जिला आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह ने कहा कि टीम पूरी तरह सक्रिय है। छापेमारी लगातार जारी रहेगी। उन्होंने कहा, “अवैध शराब पर पूर्ण रोक लगाने तक अभियान चलेगा।”
प्रशासन की सख्ती
डीएम उमेश कुमार मिश्रा और एसएसपी संजय कुमार वर्मा के निर्देशन में यह अभियान चल रहा है। बॉर्डर से होने से स्मगलिंग का खतरा ज्यादा है। विभाग ने ग्रामीणों से सहयोग की अपील की है।
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