तेल अवीव. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इजरायल संसद (केसेट) में संबोधन के दौरान दो विपक्षी सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण उन्हें सुरक्षा बलों द्वारा बाहर निकाल दिया गया।
इस घटना के बावजूद ट्रंप ने हास्य भरे अंदाज में प्रतिक्रिया दी, जिससे पूरा सभागार तालियों और हंसी से गूंज उठा।
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लाइव प्रसारण में दिखे इस हंगामे के अनुसार, हदाश-ताअल पार्टी के नेता अयमान ओदेह ने ट्रंप के भाषण के बीच में “फिलिस्तीन को मान्यता दो” लिखी तख्ती दिखाई, जिसके बाद उन्हें तुरंत सभा से हटा लिया गया।
इसी तरह, अरब-इजरायली सांसद ओफर कैसिफ ने भी एक बैनर लहराने की कोशिश की और नारेबाजी की, लेकिन उन्हें भी जबरन बाहर ले जाया गया।
केसेट स्पीकर ने ट्रंप से माफी मांगते हुए कहा, “इसके लिए क्षमा करें, राष्ट्रपति महोदय।” ट्रंप ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “यह बहुत कारगर था,” जिस पर इजरायली सांसदों ने जोरदार तालियां बजाईं और ‘ट्रंप’ के नारे लगाए। इसके बाद ट्रंप ने अपना भाषण निर्बाध रूप से जारी रखा।
ट्रंप ने अपने संबोधन में अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और राष्ट्रपति के दामाद व सलाहकार जेरेड कुशनर की खुलकर सराहना की, जिन्होंने गाजा युद्धविराम समझौते में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस समझौते से 20 जीवित बंधकों की सुरक्षित वापसी संभव हुई।
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भाषण की शुरुआत धार्मिक भावना से करते हुए ट्रंप ने बंधकों की बहादुरी की तारीफ की। उन्होंने कहा, “आज अब्राहम, आइजैक और याकूब के सर्वशक्तिमान ईश्वर को धन्यवाद देने का दिन है।
आसमान शांत है, बंदूकें चुप हैं, सायरन थमे हुए हैं, और सूरज उस पवित्र भूमि पर उग रहा है जहां आखिरकार शांति का आगमन हुआ है।”ट्रंप ने उम्मीद जताई कि “यह क्षेत्र हमेशा के लिए शांतिपूर्ण रहेगा।
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” उन्होंने इसे न केवल युद्ध का अंत बताया, बल्कि “आतंक और मृत्यु के दौर का अंत तथा विश्वास, आशा और ईश्वर के युग की शुरुआत” करार दिया। साथ ही, इजरायल और क्षेत्रीय देशों के लिए “सद्भाव का नया दौर” और “नए मध्य पूर्व का ऐतिहासिक उदय” होने की बात कही।