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‘एक बेटा पैदा करने वाली मां नागिन जैसी! बिना मस्जिद-मदरसा और मुसलमान का एक हिंदू राष्ट्र हों’ :यति नरसिंहानंद

Yati Narsinghanand Controversial Statements
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  • नेपाल हिंसा पर तंज, मुजफ्फरनगर महायज्ञ में फिर सनसनी!


 

मुजफ्फरनगर। श्यामा श्यामा मंदिर (Shyama Shyama Temple) में डासना देवी मंदिर (Dasna Devi Temple) के पीठाधीश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी (Yati Narsinghanand Giri) के सानिध्य में चले 5 दिवसीय मां बगलामुखी महायज्ञ (Baglamukhi Mahayagya) का समापन धूमधाम से हुआ। लेकिन यह समापन विवादों की आग में तब्दील हो गया।

प्रेस वार्ता (Press Conference) में यति ने सनातन धर्म (Sanatan Dharma) और मानवता के दुश्मनों के विनाश (Destruction of Enemies) और हिंदू बेटा-बेटियों की रक्षा (Protection of Hindu Youth) के लिए प्रार्थना का जिक्र किया। उनके बयान जिनमें हिंदू राष्ट्र (Hindu Rashtra) की मांग, माताओं पर तीखी टिप्पणी, नेपाल हिंसा (Nepal Violence) पर कटाक्ष और धारा 370 (Article 370) पर तंज ने एक बार फिर सियासी हलचल मचा दी।

 

Yati Narsinghanand Controversial Statements

 

‘ना मस्जिद, ना मदरसा, ना मुसलमान’

महायज्ञ के समापन पर यति नरसिंहानंद ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, “ईसाइयों (Christians) के 100 देश, मुस्लिमों (Muslims) के 56, बौद्धों (Buddhists) और नास्तिकों (Atheists) के देश हैं, लेकिन हिंदुओं का एक भी नहीं। इसलिए हिंदू राष्ट्र की स्थापना (Establishment of Hindu Nation) जरूरी है।”

 

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उनका बयान और तीखा तब हो गया जब उन्होंने एक ऐसे हिंदू राष्ट्र का खाका खींचा, “जिसमें न कोई मस्जिद (Mosque) हो, न मदरसा (Madrasa), न ही एक भी मुसलमान (Not a Single Muslim)।” यति ने दावा किया कि यह सनातन धर्म की रक्षा के लिए जरूरी है।

 

 

‘एक बेटा पैदा करने वाली नागिन’

यति के बयानों का सबसे विवादास्पद हिस्सा महिलाओं पर था। उन्होंने कहा, “केवल एक बेटा (One Son) पैदा करने वाली मां नागिन (Serpent) जैसी है, जो बेटे को पैदा करने के बाद भाई (Brother) नहीं पैदा करती।”

 

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‘हिंदुओं का दमन और जबरदस्ती धर्मनिरपेक्षता का नतीजा नेपाल हिंसा!’

नेपाल में हाल की हिंसा (Nepal Violence 2025 जहां जेन-जेड (Gen-Z) प्रदर्शनों में 20 से अधिक मौतें हुईं, पर यति ने कहा, “यह हिंदुओं का दमन (Suppression of Hindus) और जबरदस्ती धर्मनिरपेक्षता (Forced Secularism) थोपने का नतीजा है। विश्व के नेताओं के लिए सबक है।”

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के इस्तीफे और सोशल मीडिया बैन (Social Media Ban) के खिलाफ आंदोलन को यति ने हिंदू अस्मिता (Hindu Identity) से जोड़ा। लेकिन नेपाल सरकार ने हिंसा को बाहरी तत्वों (External Elements) की साजिश बताया। यति का यह बयान अंतरराष्ट्रीय विवाद को भड़का सकता है, क्योंकि नेपाल में हिंदू बहुल (Hindu Majority) होने के बावजूद आंदोलन भ्रष्टाचार (Corruption) और बेरोजगारी (Unemployment) के खिलाफ था।

 

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‘धारा 370 हटाने से मुस्लिम कट्टर हो गए’

कश्मीर में राष्ट्र चिन्ह (National Emblem) के कथित अपमान पर यति ने धारा 370 (Article 370) हटाने पर नेताओं को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, “धारा 370 हटाने से कश्मीर के मुस्लिम (Muslims in Kashmir) और कट्टर (Radicalized) हो गए हैं।” यह बयान सुनकर राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया।

 

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विवादों का इतिहास, यति का पुराना ‘काला रंग’

यति नरसिंहानंद का इतिहास विवादों से भरा पड़ा है। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों (Muzaffarnagar Riots) में 19 लोगों के साथ उनका नाम आया और 2025 में कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल की। हरिद्वार धर्म संसद (Haridwar Dharma Sansad) में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की अपील पर UAPA (UAPA) के तहत केस चला। 2024 में पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) पर टिप्पणी से देशभर में विरोध प्रदर्शन (Protests) हुए और कई राज्यों में FIR दर्ज हुईं।

2025 में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और पुलिस पर अपमानजनक बयानों के लिए फिर केस। यति को कई बार हिरासत (Detention) में लिया गया, लेकिन बेल (Bail) पर रिहा होकर बयानबाजी जारी रखी।

 

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विवादों का चक्रव्यूह

यति नरसिंहानंद के ये बयान महायज्ञ के समापन को विवादों की आग में झोंक दिया। हिंदू राष्ट्र, माताओं पर टिप्पणी, नेपाल हिंसा और धारा 370 पर तंज, सब कुछ सामाजिक सद्भाव को चुनौती दे रहा है। उनके इतिहास को देखते हुए, यह सवाल उठता है कि क्या सिस्टम अब कार्रवाई करेगा या विवादों का यह सिलसिला जारी रहेगा?

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