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‘बेकाबू डिजिटल सनक’ पर खाकी की स्ट्राइक! पढ़िए यूपी से लेकर उत्तराखंड तक पुलिस कैसे कर रही ईलाज

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सोशल मीडिया की सनक में डूबे यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स ने नग्नता, अश्लीलता और अफवाहों का बाजार सजाया, मगर यूपी-उत्तराखंड पुलिस ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया! टीआरटी आमिर, महक-परी, अमजद ‘9-2-11’ और मुजफ्फरनगर-खतौली के अफवाहबाज अब सलाखों के पीछे। पढ़िए, कैसे खाकी ने इनकी रील्स को जेल की हवा से बदला!


 

  • अमित सैनी, मुजफ्फरनगर से ‘द एक्स इंडिया’ के लिए

 

सोशल मीडिया की चमक-दमक ने कुछ यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स को इस कदर बेकाबू कर दिया कि वे फॉलोअर्स की होड़ में नग्नता, अश्लीलता और अफवाहों का बाजार सजा बैठे। रील्स की आड़ में समाज की मर्यादाओं को कुचलने वाले ये तथाकथित ‘सितारे’ सोचते थे कि डिजिटल दुनिया में कानून की कोई पहुँच नहीं। मगर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की खाकी ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

मुरादाबाद का टीआरटी आमिर, संभल की महक-परी, रूड़की का अमजद ‘9-2-11’, और मुजफ्फरनगर-खतौली के अफवाहबाज—सभी अब सलाखों के पीछे अपनी सनक की सजा भुगत रहे हैं। आइए, इनके कारनामों की तह में जाएँ और देखें कि कैसे खाकी ने इनकी रील्स को रियल जेल की हवा से बदल दिया!

trt amir arrest

TRT आमिर: साधु का भेष, अश्लीलता का खेल

मुरादाबाद का मोहम्मद आमिर को यूट्यूब चैनल “टॉप रियल टीम (TRT)” (58.3 लाख सब्सक्राइबर) के लिए जाना जाता है।  आमिर ने हाल ही में साधु-संतों का भेष धरकर अश्लील और भड़काऊ वीडियो बनाए।

इनके कंटेंट ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा किया, क्योंकि यह न केवल सामाजिक मर्यादाओं का उल्लंघन था, बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुँचा रहा था। मुरादाबाद पुलिस ने 25 जुलाई 2025 को आमिर को पाकबड़ा थाना क्षेत्र के हाशमपुर चौराहे से गिरफ्तार किया।

पुलिस ने उनके चैनल से जुड़े अन्य सदस्यों दानिश, जावेद, टीटू, फैजान और नादिर की जाँच शुरू की, लेकिन उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई। उसी दिन एसडीएम कोर्ट ने आमिर को 5 लाख रुपये के मुचलके और भविष्य में ऐसी सामग्री न बनाने के लिखित आश्वासन पर जमानत दे दी।

मुरादाबाद के एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया का कहना था कि “ऐसे लोग जो सोशल मीडिया पर अश्लीलता और भड़काऊ सामग्री फैलाते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

 

 

 

क्या है आरोप और विवाद?

आमिर पर साधु-संतों का भेष धरकर अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो बनाने का आरोप है, जिनमें गाली-गलौज और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली सामग्री शामिल थी। उनके यूट्यूब चैनल TRT पर कई वीडियो में साधु के वेश में अश्लील संवाद और इशारे थे, जो सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले माने गए।

 

trt amir

 

पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 (अश्लील कृत्य), 197(1) (राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव), 353(2) (धार्मिक सद्भाव बिगाड़ना), 352 (अपमान करना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने उनके चैनल के कई वीडियो को सबूत के तौर पर जब्त किया।

 

पहले भी रहा विवादों से नाता!

आमिर का TRT चैनल पहले भी विवादों में रहा है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, उनके कुछ पुराने वीडियो में भी गाली-गलौज और आपत्तिजनक सामग्री की शिकायतें मिली थीं, लेकिन कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं हुई थी।

उनकी टीम के कुछ वीडियो में स्थानीय लोगों और धार्मिक समूहों ने आपत्ति जताई थी, मगर आमिर ने इन्हें ‘मनोरंजन’ का नाम देकर टाल दिया। इस बार, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले कंटेंट ने पुलिस को त्वरित कार्रवाई के लिए मजबूर किया।

 

गिरफ्तारी के बाद क्या बोले थे आमिर?

गिरफ्तारी के बाद आमिर ने एक माफी वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं अपने दर्शकों से माफी माँगता हूँ। मेरा इरादा किसी की भावनाएँ आहत करना नहीं था। मैं भविष्य में केवल मनोरंजक और उचित कंटेंट बनाऊँगा।”

 

यह बयान उनके यूट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम पर साझा किया गया, जिसे पुलिस ने उनके जमानत शर्तों के हिस्से के रूप में नोट किया।


संभल की महक-परी: रील्स की आड़ में अश्लीलता की दुकान

 

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संभल के असमोली थाना क्षेत्र में इंस्टाग्राम अकाउंट “MehakPari143” से मशहूर महक और परी (मेहरुल निशा) ने अश्लील रील्स बनाकर सामाजिक मर्यादाओं को तार-तार किया। इनके वीडियो में भद्दे इशारे और गाली-गलौज ने ग्रामीणों, खासकर महिलाओं में रोष पैदा किया।

स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद संभल पुलिस ने 14 जुलाई 2025 को महक, परी, सहयोगी हिना और कैमरामैन जर्रार आलम को गिरफ्तार किया। पुलिस ने दो हाई-एंड iPhone और चार अन्य स्मार्टफोन जब्त किए, जिनमें स्क्रिप्टेड रील्स और एडिटिंग सॉफ्टवेयर मिले।

कोर्ट ने चारों को सख्त शर्तों पर जमानत दी, साथ ही BNS की धारा 168 के तहत 5 लाख रुपये के मुचलके की चेतावनी दी।

mahak pari

 

आरोप, विवादित वीडियो और कानूनी धाराएँ

महक और परी पर अश्लील इशारों, गाली-गलौज और आपत्तिजनक रील्स बनाने का आरोप है, जो उनके इंस्टाग्राम अकाउंट “MehakPari143” पर अपलोड की गईं। इन रील्स में अश्लील संवाद और भद्दे इशारे थे, जिन्हें ग्रामीण महिलाओं ने बच्चों के लिए हानिकारक बताया।

उनके खिलाफ BNS की धारा 296 (अश्लील कृत्य) और IT एक्ट की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करना) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने कई वीडियो को सबूत के तौर पर जब्त किया।

संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, “ये लोग संगठित तरीके से रील्स बनाते थे, जिनका मकसद सस्ती लोकप्रियता और पैसा कमाना था।”

 

पहले के विवाद

महक-परी का इंस्टाग्राम अकाउंट पहले भी स्थानीय स्तर पर विवादों में रहा। उनके कुछ पुराने रील्स पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई थी, लेकिन कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई थी।

स्रोतों के अनुसार, उनकी रील्स में पहले भी अश्लील संवाद और भड़काऊ सामग्री थी, जिसे उन्होंने ‘ट्रेंडिंग कंटेंट’ का नाम दिया था। इस बार, सामाजिक मर्यादाओं को ठेस पहुँचाने और बच्चों पर बुरे प्रभाव की शिकायतों ने पुलिस को कार्रवाई के लिए मजबूर किया।

देखिए महक-परी का इंस्टाग्राम एकाउंट

 

कबूला ‘सस्ती लोकप्रियता वाला’ गुनाह

पूछताछ में महक और परी ने स्वीकार किया कि वे फॉलोअर्स बढ़ाने और प्रति माह 25-30 हजार रुपये कमाने के लिए ऐसी रील्स बनाते थे।

उन्होंने कोई सार्वजनिक माफी जारी नहीं की, लेकिन पुलिस को दिए बयान में कहा, “हमें नहीं पता था कि ये रील्स इतना बवाल मचाएँगी। हम केवल फॉलोअर्स बढ़ाना चाहते थे।”

यह बयान पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उजागर हुआ।


 

रूड़की का अमजद ‘9-2-11’: यूट्यूब की सनक में सलाखें

 

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उत्तराखंड की IT सिटी रूड़की का यूट्यूबर अमजद, जिसे ‘9-2-11’ के उपनाम से जाना जाता है, ने अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो बनाकर स्थानीय समुदाय में हंगामा मचाया। उनके कंटेंट में नग्नता और गाली-गलौज ने लोगों का गुस्सा भड़काया।

रूड़की पुलिस ने हाल ही में अमजद को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई उत्तराखंड पुलिस की साइबर निगरानी और स्थानीय शिकायतों के आधार पर हुई। पुलिस ने उनके मोबाइल और अन्य डिवाइस जब्त किए, जिनमें आपत्तिजनक वीडियो मिले।

रूड़की पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स जो समाज के लिए हानिकारक सामग्री बनाते हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।”

 

वीडियो में अश्लीलता और गाली-गलौज

अमजद पर यूट्यूब पर अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो अपलोड करने का आरोप है, जिनमें नग्नता और गाली-गलौज शामिल था।

उनके खिलाफ BNS की धारा 296 (अश्लील कृत्य) और  IT एक्ट की धारा 67 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने उनके कुछ वीडियो को सबूत के तौर पर जब्त किया, लेकिन विशिष्ट वीडियो का शीर्षक उपलब्ध नहीं है। यह मामला मुरादाबाद और संभल के समान अभियान का हिस्सा है।

 

विवादों में रहा अमजद का चैनल

अमजद का यूट्यूब चैनल पहले भी स्थानीय स्तर पर विवादों में रहा। स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके वीडियो में पहले भी आपत्तिजनक सामग्री थी, जिस पर छोटे स्तर पर शिकायतें हुई थीं। इस बार, अश्लीलता की हद पार करने के कारण पुलिस ने सख्त कार्रवाई की।


 

मुजफ्फरनगर का भ्रामक वीडियो कांड: अब तक 17 गिरफ्तार

 

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मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान भ्रामक और भड़काऊ वीडियो वायरल करने का मामला सामने आया। 25 जुलाई 2025 को थाना ककरौली पुलिस ने नवाब राणा (तितावी, मुजफ्फरनगर), अयूब और दो अन्य को गिरफ्तार किया।

इसके बाद से लगातार इस मामले में गिरफ्तारियों का दौर चल रहा है। शनिवार को भी इस मामले में 2 आरोपियों दानिश और इमरान कादिर को गिरफ्तार किया गया। यानी अब तक कुल 17 आरोपियों को गिफ्तार किया जा चुका है।

मुजफ्फरनगर पुलिस के जारी ऑफिशियल प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक  “इस मामले में कुल  17 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।” यह मामला साम्प्रदायिक तनाव को भड़काने की कोशिश से जुड़ा था।

 

मुजफ्फरनगर का बताया पाकिस्तान का वीडियो!

आरोपियों पर एक पाकिस्तानी वीडियो को मुजफ्फरनगर का बताकर वायरल करने का आरोप है, जिसमें झूठा दावा किया गया कि बजरंग दल ने मुस्लिम परिवारों पर हमला किया। इस वीडियो ने साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की। उनके खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA), IT एक्ट की धारा 67, BNS की धारा 196(1) (सार्वजनिक शांति भंग करना), और 353(2) (धार्मिक सद्भाव बिगाड़ना) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने वीडियो को सबूत के तौर पर जब्त किया।

 


 

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खतौली का वीडियो कांड: अफवाहों की आग

 

मुजफ्फरनगर के थाना खतौली क्षेत्र में एक भ्रामक वीडियो ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया। एक अगस्त 2025 को विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें जंगल में बदमाशों के दिखने पर ग्रामीणों द्वारा हथियारों के साथ कथित तौर पर कॉम्बिंग और फायरिंग की गई।

इस वीडियो को खतौली (मुजफ्फरनगर) का बताकर प्रसारित किया गया, जिससे क्षेत्र में तनाव और अफवाहों का माहौल बना। पुलिस जाँच में पता चला कि यह वीडियो मुजफ्फरनगर का नहीं, बल्कि हरियाणा का था।

 

अब तक चार गिरफ्तार

इसके बाद शनिवार, 2 अगस्त  को खतौली पुलिस ने चार आरोपियों शुभम, गुड्डू राठी उर्फ भगत सिंह, प्रतीक और यश जाट को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनके डिवाइस जब्त किए और कार्रवाई शुरू की।

 

“ऐसे लोग जो अफवाहें फैलाकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” :मुजफ्फरनगर पुलिस

 

इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा

उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(1)(बी) (सार्वजनिक शांति भंग करने के लिए आपराधिक कृत्य), 292 (सार्वजनिक अशांति फैलाने की साजिश) और  सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 66(डी) (कंप्यूटर संसाधनों का दुरुपयोग) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

 

कथित मीडिया कर्मी भी जद में…

भ्रामक वीडियो प्रसारित करने अथवा बनाने के मामले में केवल कंटेंट क्रिएटर्स पर की कार्रवाई नहीं हुई है, बल्कि मुजफ्फरनगर में हाल में दो मामलों में कथित विभिन्न मीडिया संस्थानों से जुडे़ कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई है।

 

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खाकी की चौकसी: डिजिटल दुनिया पर नकेल

मुरादाबाद, संभल, रूड़की और मुजफ्फरनगर के ये मामले साफ दिखाते हैं कि सोशल मीडिया की सनक में डूबे ये क्रिएटर्स समाज की मर्यादाओं को कुचलने से नहीं चूक रहे।

चाहे टीआरटी आमिर का धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना हो, महक-परी की अश्लील रील्स हों, अमजद ‘9-2-11’ की नग्नता की दुकान हो, या मुजफ्फरनगर में भ्रामक वीडियो का षड्यंत्र….. पुलिस ने हर बार कड़ा संदेश दिया है।

चर्चित चेहरों समेत दर्जनों गिरफ्तारियां और दर्जनों मुकदमे इस बात का सबूत हैं कि कानून अब डिजिटल दुनिया में भी उतना ही सख्त है।

 

नैतिकता की जीत, सनक की हार

सोशल मीडिया ने अभिव्यक्ति को नई ऊँचाइयाँ दी हैं, मगर इसकी आड़ में अश्लीलता और भ्रामक सामग्री फैलाने वालों ने समाज को कमजोर करने की कोशिश की है।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस की मुस्तैदी ने साबित किया कि कानून की नजरें हर उस शख्स पर हैं जो सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ने की हिमाकत करता है। इन मामलों से न केवल इन क्रिएटर्स की सनक पर लगाम लगी, बल्कि यह संदेश भी गया कि सस्ती शोहरत का रास्ता जेल की सलाखों से होकर गुजर सकता है।

अब वक्त है कि यूजर्स भी जागरूक हों और ऐसी सामग्री को बढ़ावा देने के बजाय उसकी शिकायत करें, ताकि डिजिटल दुनिया स्वच्छ और सकारात्मक बने।

अमित सैनी
Author: अमित सैनी

अमित सैनी एक वरिष्ठ पत्रकार है, जिन्हें नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया में काम करने का करीब 20 साल का अनुभव है। श्री सैनी 'द एक्स इंडिया' के प्रधान संपादक भी हैं।

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