नई दिल्ली। भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया (CCI) के सचिव (प्रशासन) पद के लिए हुए हाई-प्रोफाइल चुनाव में अपनी ही पार्टी के सहयोगी और पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान को 102 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की।
यह ‘भाजपा बनाम भाजपा’ की जंग के रूप में चर्चित रहा, जिसमें 707 वोटों के साथ अब तक का सबसे अधिक मतदान दर्ज किया गया। रूडी की इस जीत ने उनके 25 साल के नेतृत्व को और मजबूत किया, जबकि यह चुनाव पार्टी के भीतर की गतिशीलता और क्षेत्रीय-जातिगत समीकरणों को भी उजागर करता है।
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चुनाव का रोमांच और रूडी की जीत
कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के सचिव (प्रशासन) पद के लिए यह चुनाव असाधारण रूप से चर्चित रहा। कुल 1,295 पात्र मतदाताओं में से 707 ने वोट डाले, जिनमें 679 व्यक्तिगत और 38 डाक मतपत्र थे। रूडी ने 354 व्यक्तिगत वोट और 38 डाक मतपत्रों सहित कुल 392 वोट हासिल किए, जबकि संजीव बालियान को 290 वोट मिले। 25 राउंड की गिनती के बाद रूडी ने 102 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
- जीत के बाद रूडी ने कहा,
“यह सभी सांसदों और पिछले दो दशकों की हमारी मेहनत को समर्थन देने वालों की खूबसूरत जीत है।”
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रूडी बनाम बालियान: दो अलग व्यक्तित्व
राजीव प्रताप रूडी, पांच बार के सांसद, कमर्शियल पायलट और पूर्व केंद्रीय मंत्री पिछले 25 वर्षों से सीसीआई के सचिव (प्रशासन) रहे हैं। उनके कार्यकाल में क्लब को आधुनिक सुविधाओं जैसे स्पा, जिम और रेस्तरां के साथ एक शानदार केंद्र में बदला गया।
दूसरी ओर, संजीव बालियान पशु चिकित्सक और पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री ने बदलाव का नारा दिया, यह दावा करते हुए कि क्लब को सांसदों और पूर्व सांसदों के लिए विशेष रूप से केंद्रित करना चाहिए, न कि नौकरशाहों के लिए। इस चुनाव में रूडी को थाकुर और विपक्षी सांसदों का समर्थन मिला, जबकि बालियान को जाट समुदाय और कुछ भाजपा नेताओं, जैसे निशिकांत दुबे का साथ मिला।
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राजनीतिक हस्तियों की भागीदारी
इस चुनाव में राजनीतिक दिग्गजों की मौजूदगी ने इसे और रोचक बना दिया। गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य मंत्रियों जैसे पीयूष गोयल और किरेन रिजिजू ने वोट डाला।
विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के कई सांसदों ने रूडी का समर्थन किया, जबकि बालियान को भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं का समर्थन प्राप्त था। नई सांसद कंगना रनौत ने इस ‘भाजपा बनाम भाजपा’ मुकाबले को “भ्रमित करने वाला” बताया, जो पहली बार सांसद बने नेताओं के लिए असामान्य था।
अन्य पदों का निर्वाचन
सचिव (प्रशासन) के अलावा, अन्य प्रमुख पद निर्विरोध भरे गए। डीएमके सांसद पी. विल्सन को सचिव (कोषाध्यक्ष), कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला को सचिव (खेल) और डीएमके सांसद तिरुचि शिवा को सचिव (संस्कृति) चुना गया। कार्यकारी समिति के 11 पदों के लिए प्रदीप गांधी (507 वोट) और जसबीर सिंह गिल (502 वोट) सहित कई सांसद चुने गए।
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कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का महत्व
1947 में स्थापित और 1965 में औपचारिक रूप से उद्घाटित, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब सांसदों और पूर्व सांसदों के लिए एक विशेष सामाजिक और राजनीतिक मंच है। यह न केवल एक क्लब है, बल्कि राजनीतिक गठजोड़ और नेटवर्किंग का केंद्र भी है।
रूडी के नेतृत्व में इसे आधुनिक सुविधाओं के साथ एक प्रतिष्ठित स्थान में बदला गया, हालांकि कुछ आलोचकों का कहना है कि यह सांसदों से अधिक नौकरशाहों के लिए सुलभ हो गया है।