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मुजफ्फरनगर में किसानों का अनोखा आंदोलन, खेतों में तिरंगा फहराकर जमीन बचाने का लिया संकल्प

Muzaffarnagar Farmers’ Unique Protest on Independence Day 2025
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अमित सैनी, मुजफ्फरनगर से ‘द एक्स इंडिया’ के लिए


 

मुजफ्फरनगर के शेरनगर, बिलासपुर, धंधेड़ा, कूकड़ा, सरवट और अलमासपुर गांवों के किसानों ने अपनी उपजाऊ जमीन बचाने के लिए अनोखा आंदोलन किया। इन किसानों ने खेतों में तिरंगा फहराकर और सामूहिक संकल्प लेकर अपनी जमीन को निजी बिल्डरों और कथित भू-माफियाओं से बचाने की शपथ ली।

उनका आरोप है कि आवास विकास परिषद मेरठ द्वारा “आवास विकास योजना” के नाम पर उनकी 4,200 बीघा उपजाऊ जमीन को प्राइवेट बिल्डरों को सौंपने की साजिश रची जा रही है। यह आंदोलन न केवल उनकी जमीन की लड़ाई को दर्शाता है, बल्कि स्वतंत्रता के प्रति उनके जज्बे को भी उजागर करता है।

 

Muzaffarnagar Farmers’ Unique Protest on Independence Day 2025
खेतों में तिरंगा फहराकर उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी जमीन उनके पूर्वजों की विरासत और पहचान है।

 

किसानों का आंदोलन और संकल्प 

मुजफ्फरनगर के शेरनगर और अन्य पांच गांवों के किसानों ने स्वतंत्रता दिवस को अपनी जमीन की रक्षा के लिए एक प्रतीकात्मक विरोध के रूप में मनाया। खेतों में तिरंगा फहराकर उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी जमीन उनके पूर्वजों की विरासत और पहचान है।

किसान नेता तौसीफ चौधरी ने कहा,

“ये हमारी मिट्टी है, हमारे पूर्वजों की निशानी है। हम इसे भू-माफियाओं के हवाले नहीं करेंगे। जैसे शहीदों ने देश के लिए कुर्बानी दी, वैसे ही हम अपनी जमीन के लिए कुर्बानी देने को तैयार हैं।” 

 

किसानों ने आरोप लगाया कि आवास विकास परिषद मेरठ द्वारा दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे के निकट 284 हेक्टेयर (लगभग 4,200 बीघा) जमीन, जिसमें शेरनगर की 3,700 बीघा शामिल है, को बिना ग्रामीणों की सहमति के अधिग्रहित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। उन्होंने इसे भू-माफियाओं के साथ मिलीभगत करार दिया और मांग की कि यह प्रक्रिया तुरंत रद्द की जाए।

 

आंदोलन और मांगें 

शेरनगर में आशु मुखिया के आवास पर इससे पूर्व आयोजित सामूहिक पंचायत में किसानों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि वे एक इंच जमीन भी नहीं देंगे। उनकी प्रमुख मांगें हैं:

अधिग्रहण रद्द करना: बिना ग्रामीणों की सहमति के कोई फैसला न लिया जाए।

 

उच्च स्तरीय जांच: अधिग्रहण प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की जांच की जाए।

 

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Muzaffarnagar Farmers’ Unique Protest on Independence Day 2025
किसानों ने खेतों में तिरंगा फहराकर और सामूहिक संकल्प लेकर अपनी जमीन बचाने की शपथ ली।

 

कानूनी और शांतिपूर्ण कदम: किसानों ने मुख्यमंत्री से मिलने और हाई कोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया।

 

पंचायत में मनोज गुर्जर, प्रमोद राठी, युसूफ चौधरी, अब्दुल सत्तार, और अन्य किसान नेताओं ने हिस्सा लिया, जिन्होंने इस आंदोलन को शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ रखने की बात कही।

 

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गांव

किसानों ने बताया कि शेरनगर, बिलासपुर और धंधेड़ा 500 वर्षों से अधिक पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गांव हैं। उनकी जमीन केवल कृषि भूमि नहीं, बल्कि उनकी पहचान और विरासत का हिस्सा है। अधिग्रहण से इन गांवों से पलायन की आशंका है, जो सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाएगा।

किसानों ने तर्क दिया कि मुजफ्फरनगर में पहले से ही कई हाउसिंग कॉलोनियां मौजूद हैं और पश्चिमी क्षेत्रों जैसे शामली रोड और बुढ़ाना रोड में नई योजनाएं शुरू की जा सकती हैं।

 

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मुजफ्फरनगर के शेरनगर और पांच अन्य गांवों के किसानों ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर खेतों में तिरंगा फहराकर अपनी जमीन बचाने का संकल्प लिया। यह आंदोलन उनकी उपजाऊ जमीन को निजी बिल्डरों से बचाने की लड़ाई और देशभक्ति का प्रतीक है।

तौसीफ चौधरी जैसे नेताओं की अगुवाई में किसानों ने शांतिपूर्ण और कानूनी रास्तों से अपनी मांगें उठाने का फैसला किया। यह प्रदर्शन न केवल उनकी जमीन की रक्षा की लड़ाई है, बल्कि ‘विकसित भारत’ में किसानों के हक और सम्मान की आवाज भी है।

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