बीजेपी नेता कन्हैया शर्मा का ओवर कॉन्फिडेंस स्टिंग ऑपरेशन और पुलिस की चेतावनी के बाद भी नहीं टूटा। मुजफ्फरनगर के दाल मंडी में 40 क्विंटल अवैध पटाखों का जखीरा पकड़ा गया। सात दुकानें सील, विस्फोटक एक्ट में मुकदमा दर्ज।
- ‘द एक्स इंडिया’ के लिए प्रधान संपादक अमित सैनी की रिपोर्ट
मुजफ्फरनगर। BJP नेता कन्हैया शर्मा को लगा कि उनका रसूख उन्हें बचा लेगा, लेकिन मुजफ्फरनगर पुलिस ने उनके अवैध पटाखा कारोबार को धराशायी कर दिया। दो दिन पहले एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन ने दाल मंडी के काले कारनामे उजागर किए थे।
पुलिस ने सख्त चेतावनी दी थी कि अवैध भंडारण बर्दाश्त नहीं होगा। फिर भी, कन्हैया शर्मा ने सोचा कि बीजेपी का झंडा उन्हें ढाल देगा। मगर 13 अक्टूबर (सोमवार देर शाम) को पुलिस ने उनके सपनों पर हथौड़ा मार दिया।
शहर कोतवाली के लंबा बाजार में सात गोदामों से 40 क्विंटल अवैध पटाखे बरामद हुए, जिनकी कीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा है।
दाल मंडी में हड़कंप, एक करोड़ का जखीरा जब्त
स्टिंग ऑपरेशन और मुखबिर तंत्र से पुलिस के पास सटीक सूचना थी कि दाल मंडी और पान मंडी के बीच आबादी वाले इलाके में भारी मात्रा में पटाखे जमा हैं। यह इलाका इतना घनी आबादी वाला है कि एक छोटा विस्फोट भी सैकड़ों जिंदगियां खतरे में डाल सकता था।
सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) सिद्धार्थ मिश्रा और सिटी मजिस्ट्रेट पंकज राठौर ने संयुक्त टीम बनाई। छापेमारी में सात गोदामों से पटाखों का विशाल जखीरा मिला। बरामदगी देखकर कारोबारी और आसपास के लोग सन्न रह गए।
ASP मिश्रा ने बताया कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट और NGT के आदेशों के तहत हुई। सभी सात दुकानें फायर सर्विस के आदेश पर सील कर दी गईं।
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बीजेपी नेता का काला धंधा, सतीश चंद भी फंसे
जांच में खुलासा हुआ कि छह दुकानें बीजेपी नेता कन्हैया लाल पुत्र स्व. महावीर प्रसाद शर्मा निवासी लोहिया बाजार की थीं। सातवीं दुकान सतीश चंद उर्फ पप्पू पुत्र केशूराम, निवासी पुरानी आबकारी की थी। दोनों ने बिना लाइसेंस के पटाखे जमा किए थे।
मुकदमा दर्ज
पुलिस ने विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा 5 और 9B, साथ ही भारतीय न्याय संहिता की धारा 125, 287, 288 के तहत मुकदमा (0366/2025) दर्ज किया। आबकारी पुलिस चौकी इंजार्च मोहित कुमार की तरफ से एफआईआर लिखी गई। सूत्र बताते हैं कि देर रात तक कन्हैया को बचाने की कोशिशें चलीं, मगर SSP संजय वर्मा का रुख अडिग रहा।
कानपुर-अयोध्या कांड से सबक, पुलिस सतर्क
कानपुर और अयोध्या में हाल के पटाखा विस्फोटों ने यूपी सरकार को हिलाकर रख दिया था। इन हादसों में कई लोग मारे गए, जिसके बाद SSP संजय वर्मा ने अवैध भंडारण पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई।
सूचना मिली कि दाल मंडी में पटाखे जमा हैं, जो दीपावली से पहले हादसे का सबब बन सकते थे। आपको ये भी बता दें कि 2025 में उत्तर प्रदेश में 15 से ज्यादा पटाखा हादसे हो चुके हैं, जिनमें 20 लोग मरे। इसीलिए पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया।
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बीजेपी नेताओं के लिए सबक, ‘काम नहीं आएगा रसूख’
कन्हैया शर्मा का केस बीजेपी नेताओं के लिए कड़ा संदेश है। रसूख और ओवर कॉन्फिडेंस कानून से ऊपर नहीं। स्टिंग ऑपरेशन ने पहले ही उनके धंधे की पोल खोल दी थी, जबकि स्थानीय पुलिस द्वारा भी उन्हें ख़बरदार किया था, मगर उन्होंने सुधरने की बजाय खेल जारी रखा।
अब मुकदमा और दुकानों की सीलिंग ने उनकी साख को धक्का पहुंचाया। स्थानीय लोग कहते हैं कि दीपावली के मौके पर कई नेता अवैध कारोबार में लिप्त हैं, लेकिन पुलिस की यह कार्रवाई सबके लिए चेतावनी है।
पुलिस का संकल्प, नहीं रुकेगा अभियान
ASP सिद्धार्थ मिश्रा ने कहा कि अवैध पटाखा उत्पादन, बिक्री और भंडारण के खिलाफ अभियान तेज होगा। जनपद में कोई ढील नहीं बरती जाएगी। सुप्रीम कोर्ट और NGT के नियमों का सख्ती से पालन होगा।
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आम लोगों से अपील
फायर सर्विस और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर बरामद पटाखों को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू होगी। पुलिस ने आम लोगों से अपील की कि अवैध भंडारण की सूचना तुरंत दें।
दीपावली से पहले खतरा!
दाल मंडी जैसे घनी आबादी वाले इलाके में 40 क्विंटल पटाखे जमा करना मौत को दावत देना था। विशेषज्ञों का कहना है कि नमी या गर्मी से विस्फोट हो सकता था, जिससे सैकड़ों लोग मारे जा सकते थे। 2023 में मुजफ्फरनगर में एक पटाखा गोदाम में आग से 5 लोग मरे थे। इसीलिए प्रशासन अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहता।
गुस्सा और डर!
दाल मंडी के व्यापारियों और निवासियों में गुस्सा और डर है। एक व्यापारी ने कहा, “इतना बड़ा भंडारण और किसी को खबर नहीं? प्रशासन पहले क्यों नहीं जागा?”
लोग बीजेपी नेता की इस हरकत से हैरान हैं। कईयों ने कहा कि कन्हैया का रसूख उन्हें बचाने की कोशिश करेगा, लेकिन पुलिस की सख्ती ने उम्मीद जगाई है।