पटना. चारा घोटाले के प्रमुख जांचकर्ता पूर्व सीबीआई अधिकारी उपेंद्र नाथ बिस्वास के हालिया खुलासे ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। बिस्वास ने दावा किया कि तत्कालीन सीबीआई निदेशक जोगिंदर सिंह ने उन्हें लालू प्रसाद यादव को “न छुएं” कहकर बचाने की कोशिश की, जबकि कांग्रेस ने भी गिरफ्तारी रोकने के लिए दबाव बनाया।
राजद के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि लालू को जानबूझकर फंसाया गया था। अगर पूर्व सीबीआई अधिकारी कहते हैं कि लालू को बचाने की कोशिश हुई, तो हम कहते हैं कि वास्तव में उन्हें फंसाने की साजिश रची गई।”
उन्होंने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर सरकार बदलती है, तो कई घोटाले सामने आएंगे। आज जनता परेशान है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। हमारी सरकार से ज्यादा भ्रष्टाचार आज हो रहा है। हर टेबल पर रिश्वत मांगने वाला सिस्टम है।”
बिस्वास ने आईएएनएस को दिए विशेष इंटरव्यू में बताया कि 1996-97 में जोगिंदर सिंह ने उन्हें लालू को “स्पेयर” करने का दबाव डाला, कहा, “लालू अकेला भ्रष्ट नहीं, सभी राजनेता भ्रष्ट हैं।
लालू को क्यों निशाना बना रहे हो?” उन्होंने कांग्रेस का भी जिक्र किया, जो तत्कालीन PM एच.डी. देवेगौड़ा पर दबाव डाल रही थी। बिस्वास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी से ही लालू की गिरफ्तारी और सजा संभव हुई। चारा घोटाले के 75 मामलों में से 7 में लालू दोषी ठहराए गए, और उन्हें 32 साल 5 महीने की सजा हुई।
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सिद्दीकी ने कहा, “लालू को फंसाया गया, क्योंकि वे गरीबों के मसीहा थे। नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है।” राजद ने इसे राजनीतिक साजिश बताया, जबकि BJP ने बिस्वास के बयान को “पुरानी बात” करार दिया। बिहार चुनाव से पहले यह खुलासा विपक्ष को मजबूती दे सकता है।





