बेरूत. लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ आउन ने इजरायल के साथ बातचीत को एकमात्र रास्ता बताते हुए युद्ध के बजाय कूटनीति को प्राथमिकता देने की वकालत की। बाबदा पैलेस में सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक में आउन ने कहा, “राजनीति में तीन उपकरण हैं: कूटनीति, अर्थव्यवस्था और युद्ध।
जब युद्ध से कुछ हासिल नहीं होता, तो बातचीत ही रास्ता है। हर युद्ध अंततः बातचीत से खत्म होता है, और यह दोस्तों से नहीं, दुश्मनों से होती है।” उन्होंने युद्ध की तबाही की तुलना में बातचीत को अधिक महत्वपूर्ण बताया और स्पीकर नबीह बेरी व प्रधानमंत्री नवाफ सलाम के कूटनीतिक प्रयासों की सराहना की।
आउन ने राष्ट्रीय हित को राजनीतिक, धार्मिक और सांप्रदायिक विभाजनों से ऊपर रखने का आग्रह किया, जो लंबे समय से लेबनान की स्थिरता को कमजोर करते रहे हैं। अक्टूबर 2025 में ब्लिडा गांव पर इजरायली हमले के बाद आउन ने सेना को घुसपैठ का जवाब देने का आदेश दिया था, जिसे हिजबुल्लाह नेता नईम कासिम ने सराहा।
नवंबर 2024 से अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता वाला सीजफायर लागू है, जिसने गाजा युद्ध से शुरू हुए सीमा पार तनाव को रोका। फिर भी, इजरायल हिजबुल्लाह के “खतरों” को निशाना बनाते हुए छिटपुट हमले करता रहा, जिन्हें लेबनान और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने सीजफायर उल्लंघन बताया। UN के अनुसार, सीजफायर के बाद से इजरायली हमलों में 111 नागरिक मारे गए।





