मुजफ्फरनगर के सदर तहसील के ब्लॉक पुरकाजी के भूराहेड़ी गांव निवासी सतीश कुमार बुधवार को डीएम कार्यालय पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनका मकान भारी बारिश के कारण 10 सितंबर 2025 की रात गिर गया था।
घटना की सूचना पर पुलिस, तहसील से कानूनगो और लेखपाल ने जांच की। उन्होंने रिपोर्ट शासन को भेजने का दावा किया था, लेकिन मुआवजा अब तक नहीं मिला।
परिवार की बेबसी
सतीश की पत्नी शालू ने कई बार शिकायत की, लेकिन चक्कर काटने के बावजूद कोई राहत नहीं मिली। परिवार ने कहा, “हम गरीब हैं, मकान गिरने से बेघर हो गए।” भूराहेड़ी जिले का सबसे आखिरी गांव है। यह उत्तराखंड बॉर्डर पर स्थित है। सदर तहसील से दूरी करीब 40 किमी है।

ग्रामीणों को शिकायत के लिए यह लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। सतीश ने कहा, “हमारी आवाज मुख्यालय तक पहुंच ही नहीं पाती।”
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डीएम की फोन पर फटकार
सतीश की शिकायत सुनकर डीएम उमेश कुमार मिश्रा ने तुरंत एसडीएम सदर प्रवीण कुमार द्विवेदी को फोन किया। उन्होंने मामले की जानकारी मांगी।
एसडीएम ने ‘देखकर बताता हूं‘ कहा। इससे डीएम भड़क गए। उन्होंने हीलाहवाली और असंतोषजनक जवाब पर एसडीएम को खूब फटकार लगाई।
कार्रवाई का आदेश
डीएम ने तत्काल समस्या का निस्तारण करने का आदेश दिया। लापरवाह कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश भी जारी किया।
उन्होंने कहा, “ग्रामीणों की पीड़ा को हल्के में न लें। मुआवजा जल्द दिलवाएं।”
ग्रामीणों की उम्मीद
सतीश ने डीएम को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “अब उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।” भूराहेड़ी जैसे दुर्गम गांवों में सेवाओं की कमी आम है। डीएम की फटकार ने अधिकारियों को सतर्क किया, लेकिन ग्रामीणों को त्वरित न्याय चाहिए।





