नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 28-सूत्री शांति योजना का ड्राफ्ट तैयार किया है। गाजा में हमास-इजराइल संघर्ष विराम की सफलता के बाद अब ट्रंप की नजर यूक्रेन पर है। इस प्लान में यूक्रेन को क्रीमिया, लुहांस्क और डोनेट्स्क जैसे क्षेत्र रूस को मान्यता देनी होगी, साथ ही नाटो सदस्यता की महत्वाकांक्षा त्यागनी पड़ेगी।
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ट्रंप प्रशासन के इस प्रस्ताव पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि वे अमेरिका के ‘विजन’ के साथ मिलकर ईमानदार और तेजी से काम करने को तैयार हैं। हालांकि, यूक्रेनी अधिकारियों ने इसे ‘अस्वीकार्य’ और ‘संप्रभुता पर हमला’ करार दिया है। जेलेंस्की ने कहा, “हमें एक ऐसी शांति चाहिए जो टूटे नहीं।” यूक्रेन के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि वे ड्राफ्ट की समीक्षा कर रहे हैं और ट्रंप के साथ जल्द चर्चा करेंगे।
प्लान के प्रमुख बिंदु:
- यूक्रेन को पूर्वी क्षेत्र (डोनेट्स्क के नियंत्रित हिस्से) छोड़ने होंगे।
- सेना की संख्या सीमित करनी होगी।
- नाटो में शामिल न होने का वादा।
- क्रीमिया, लुहांस्क और डोनेट्स्क को ‘डी फैक्टो’ रूसी क्षेत्र मानना।
- 100 दिनों में चुनाव कराना।
- अमेरिका से सुरक्षा गारंटी, लेकिन इसके बदले यूक्रेन को अमेरिकी निवेश का 50% मुनाफा देना।
- रूस पर प्रतिबंध धीरे-धीरे हटाना और आर्थिक साझेदारी।
- योजना का कार्यान्वयन ‘पीस काउंसिल’ (ट्रंप की अध्यक्षता में) निगरानी करेगा।
यह प्लान गाजा के 20-सूत्री समझौते पर आधारित है, जो रूस की मुख्य मांगों (जैसे क्षेत्रीय नियंत्रण) को शामिल करता है। यूक्रेन के लिए यह कठिन रियायतें हैं, लेकिन अमेरिका इसे ‘विन-विन’ बता रहा है। यूरोपीय नेता भी योजना पर सवाल उठा रहे हैं, कहते हुए कि यह रूस को फायदा पहुंचाएगा।
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अब देखना है कि क्या जेलेंस्की इस प्लान को स्वीकार करेंगे या यूक्रेन की संप्रभुता की रक्षा में और रियायतें टालेंगे।





