मुजफ्फरनगर के खतौली बाइपास पर प्रिंस ढाबा चलाने वाले 90% दिव्यांग आदिल शुक्रवार को परिजनों के साथ जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने डीएम उमेश कुमार मिश्रा को प्रार्थना-पत्र सौंपा।
29 नवंबर की रात का पूरा सच!
आदिल ने बताया कि 29 नवंबर 2025 को रात सवा दस बजे आशु अल्वी (निवासी रथेड़ी) अपने साथी के साथ ढाबे पर खाना खाने आया। कुल बिल 460 रुपये बना, जिसे उसने चुका दिया और चला गया।

झूठी शिकायत का सनसनीखेज आरोप
आदिल के मुताबिक, आशु अल्वी ने अपने साथियों के साथ मिलकर साजिश रची। उसने डीएम से शिकायत की कि प्रिंस ढाबे पर उसे एक पराठा 460 रुपये का दिया गया और विरोध करने पर मारपीट-गाली गलौज हुई।
सीसीटीवी ने खोली पोल
आदिल ने मीडिया के सामने पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज दिखाया। वीडियो में आशु अल्वी ढाबे में प्रवेश करता, खाना खाता, बिल चुकाता और बिना किसी विवाद के चला जाता दिख रहा है।

460 रुपये के बिल का सच?
आदिल ने बिल भी दिखाया। 460 रुपये में पराठा के अलावा चना-दाल, सलाद और अन्य सामग्री शामिल थी। उसने कहा, “बदनाम करने के लिए झूठ बोला जा रहा है।”
कानूनी ठेका और नियमों का पालन
आदिल का ढाबा उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग लखनऊ से आवंटित ठेके पर चल रहा है। वह सभी नियमों का पालन कर रहा है। उसने कहा, “मैं दिव्यांग हूं, मेहनत से रोजी चला रहा हूं। मुझे साजिश से निशाना बनाया जा रहा है।”
डीएम से गुहार
आदिल ने डीएम से निष्पक्ष जांच और आरोपी आशु अल्वी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उसने कहा, “मेरी मेहनत की कमाई और सम्मान दांव पर है।”
प्रशासन की चुप्पी
डीएम कार्यालय ने शिकायत स्वीकार कर ली है। अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। लेकिन वीडियो वायरल होने से मामला तूल पकड़ रहा है।
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