नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन द्वारा तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने पर भाजपा सांसद और भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी ने तीखा हमला बोला। उन्होंने महागठबंधन को ‘लठबंधन’ करार देते हुए कहा कि गठबंधन में गहरी दरारें हैं, और देर से की गई तेजस्वी की घोषणा मजबूरी का नतीजा है।
आईएएनएस से बातचीत में तिवारी ने कहा, “इतने समय बाद तेजस्वी का नाम क्यों घोषित हुआ? यह दिखाता है कि महागठबंधन में सब ठीक नहीं है। कांग्रेस तेजस्वी को पसंद नहीं करती, और तेजस्वी ने भी अपने पोस्टर से राहुल गांधी की तस्वीर हटा दी। मुकेश सहनी ने तो पहले ही कह दिया कि महागठबंधन बीमार हो चुका है। यह कोई लोकतांत्रिक फैसला नहीं, बल्कि झगड़े और अपशब्दों के बाद की मजबूरी है।”
तिवारी ने तेजस्वी के ‘बदलाव’ के दावे पर तंज कसते हुए कहा कि महागठबंधन के नेता बिहार के विकास के लिए नहीं, बल्कि अपनी निजी बेहतरी के लिए काम करते हैं। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार की प्रगति का जिक्र करते हुए कहा, “बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की जरूरत है, और जनता एनडीए के साथ जाएगी।”
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, खासकर दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी को टिकट न देने के मुद्दे पर। तिवारी ने कहा, “राहुल गांधी ने ‘माउंटेन मैन’ के परिवार को टिकट देने का वादा किया था, लेकिन उसे तोड़ दिया। यह साबित करता है कि राहुल गांधी सभी को धोखा दे रहे हैं।”
भाई दूज पर मेरठ जेल में भावुक मिलन: हजारों बहनों ने भाइयों को लगाया तिलक, बढ़ाया गया मुलाकात का समय
दिल्ली में छठ पर्व को लेकर तिवारी ने आम आदमी पार्टी (आप) पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “पहले दिल्ली में छठ के लिए घाट तक नहीं थे, और पिछली सरकारों ने इसे प्रतिबंधित करने की कोशिश की। लेकिन पीएम मोदी और रेखा गुप्ता की सरकार ने छठ को सम्मान और भव्यता दी।” तिवारी ने आप के विधायकों और मंत्रियों पर दिल्ली की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने छठ को वैश्विक पहचान दिलाई।





