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मुजफ्फरनगर: फेसबुक दोस्ती से 3.09 करोड़ की ठगी तक, साइबर सेल ने पकड़े लखनऊ-जौनपुर के दो मास्टरमाइंड; 50 लाख पीड़ित को वापस

Muzaffarnagar Cyber Police Arrests 3.09 Cr Fraud Gang
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फेसबुक दोस्ती,  ‘इन्वेस्टमेंट’ का झांसा और 3 करोड़ 9 लाख का साइबर फ्रॉड! मुजफ्फरनगर साइबर सेल ने 60 दिन में गैंग के दो मास्टरमाइंड को दबोचा, तीसरा फरार


 

मुजफ्फरनगर साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़े साइबर फ्रॉड गैंग का पर्दाफाश किया। गिरफ्तार आरोपी हैं, मौहम्मद माज पुत्र मौहम्मद शब्बर हसन, निवासी लखनऊ और अम्बरीश मिश्रा पुत्र त्रिलोकीनाथ मिश्रा, निवासी जौनपुर! दोनों के खिलाफ पहले से कई साइबर और ठगी के मुकदमे दर्ज हैं। तीसरा मुख्य आरोपी उपेन्द्र चंदेल निवासी कानपुर अभी फरार है।

 

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कैसे हुई शिकायत?

9 अक्टूबर 2025 को नई मंडी निवासी सचिन कुमार ने साइबर सेल में तहरीर दी। उन्होंने बताया कि फेसबुक पर एक अज्ञात व्यक्ति ने दोस्ती की और ‘हाई रिटर्न इन्वेस्टमेंट’ का लालच दिया। सचिन ने अलग-अलग बार में कुल 3 करोड़ 9 लाख 22 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब पैसा वापस नहीं आया तो उन्होंने पुलिस में शिकायत की।

 

पुलिस की तकनीकी पड़ताल

साइबर सेल ने 29 बैंक खातों की चेन ट्रेस की। पता चला कि पैसा लखनऊ, कानपुर और जौनपुर के खातों में गया। इन खातों को NGO ‘दिशा मानव कल्याण एवं उत्थान समिति’ के नाम पर खोला गया था। इसी NGO के जरिए तमिलनाडु, दिल्ली और महाराष्ट्र में भी 2 करोड़ एक लाख की और ठगी की गई थी।

 

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गिरफ्तारी और बरामदगी

साइबर सेल इंस्पेक्टर सुल्तान सिंह के नेतृत्व में टीम ने लखनऊ से दोनों को दबोचा। कब्जे से 3 मोबाइल फोन, फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए!

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आरोपियों का कबूलनामा

पूछताछ में अम्बरीश मिश्रा ने बताया कि वह पहले दिल्ली में पार्किंग का काम करता था। कम कमाई से परेशान होकर उपेन्द्र चंदेल से मिला। चंदेल ने USDT ट्रेडिंग के नाम पर खाते मांगे और 7% कमीशन का लालच दिया। अम्बरीश ने अपने दो खाते दिए, जिनमें 90 लाख आए। बाद में खाते होल्ड हो गए तो वह पहचान छिपाकर लखनऊ-कानपुर घूमने लगा।

 

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फर्जी खाते खुलवाए

मौहम्मद माज से मुलाकात के बाद दोनों ने मिलकर NGO के नाम पर फर्जी खाते खुलवाए। 14 सितंबर को वाराणसी में मीटिंग हुई। 16-18 सितंबर को लखनऊ के होटल आरआर प्लेस में ठहरे और ठगी का पैसा ट्रांसफर कराया। कमीशन 28-30% तक बांटा।

 

50 लाख पीड़ित को वापस

पुलिस ने अब तक 50 लाख रुपये फ्रीज कराकर पीड़ित सचिन कुमार के खाते में वापस कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बाकी राशि की रिकवरी जारी है।

 

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वरिष्ठ अधिकारियों की तारीफ

SSP संजय कुमार वर्मा और SP क्राइम इंदु सिद्धार्थ ने टीम को बधाई दी। इंस्पेक्टर सुल्तान सिंह, प्रदीप कुमार, SI गौरव चौहान, धर्मराज यादव और कांस्टेबल बालकिशन, आकाश चौधरी, राहुल कुमार को सराहा गया।

 

साइबर ठगों को चेतावनी

SSP संजय वर्मा ने कहा, “साइबर अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस। कोई कितना भी शातिर हो, बच नहीं पाएगा।” 

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