4 साल के प्रेम संबंध में आखिरी फैसला, ‘हम साथ जीएंगे या साथ मरेंगे’; परिवारों की जिद और जान का खतरा लेकर देहरादून से मुजफ्फरनगर पहुंचे रूतेश-वैशाली ने पुलिस से लगाई गुहार
मुजफ्फरनगर की शहर कोतवाली में शनिवार को एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। देहरादून के रूतेश कुमार और वैशाली एक-दूसरे का हाथ थामे कोतवाली पहुंचे और साफ कहा, “हम साथ जीना चाहते हैं, अगर अलग किया गया तो हम जिंदा नहीं रहेंगे।”
4 साल पुराना प्रेम, दो अलग परिवार
रूतेश और वैशाली एक ही मोहल्ले के रहने वाले हैं। पिछले चार साल से दोनों एक-दूसरे से बेपनाह मोहब्बत करते हैं। रूतेश के परिवार वाले शादी के लिए तैयार हैं, लेकिन वैशाली के परिजन सख्त विरोध में हैं। वैशाली ने बताया कि घर वाले उसकी शादी कहीं और तय कर रहे हैं।

घर छोड़कर भागे, सुसाइड का था इरादा!
शनिवार को फिर विवाद हुआ। वैशाली सब कुछ छोड़कर रूतेश के पास पहुंच गई। दोनों ने मिलकर आत्महत्या करने का फैसला कर लिया, लेकिन रूतेश के जीजा को भनक लग गई। उन्होंने दोनों को रोका और समझाया।
हरिद्वार होते हुए मुजफ्फरनगर
घर लौटने के बजाय दोनों हरिद्वार होते हुए मुजफ्फरनगर आ गए। रूतेश के जीजा ने उन्हें शहर कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया। कोतवाली पुलिस ने तुरंत देहरादून पुलिस को सूचना दी। देहरादून पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची।
मीडिया के सामने खुलकर बोले
पुलिस आने से पहले दोनों ने मीडिया से बात की। वैशाली ने कहा, “मैं रूतेश के बिना नहीं जी सकती। अगर घर भेजा गया तो परिवार मुझे मार देगा।” रूतेश ने भी कहा, “हम साथ जीएंगे या साथ मरेंगे।”
पुलिस की भूमिका और काउंसलिंग
शहर कोतवाली प्रभारी बबलू वर्मा ने दोनों को समझाया। दोनों परिवारों से बात की गई। फिलहाल दोनों को थाने में काउंसलिंग के लिए रखा गया है। कानूनी रूप से दोनों बालिग हैं, इसलिए पुलिस ने जबरदस्ती किसी को सौंपने से इनकार कर दिया।
परिवारों का रुख
वैशाली के परिजन अभी तक संपर्क में नहीं आए। रूतेश के परिवार वाले शादी के लिए तैयार हैं। मामला संवेदनशील है, इसलिए पुलिस दोनों की सुरक्षा और इच्छा का सम्मान करते हुए आगे की कार्रवाई कर रही है।
जागरूकता का संदेश
प्रेम और शादी व्यक्तिगत निर्णय हैं। परिवारों से बातचीत और समझदारी से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। अगर आप या आपका कोई परिचित ऐसी स्थिति में है तो तुरंत नजदीकी पुलिस, महिला हेल्पलाइन 181 या चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर संपर्क करें। जिंदगी अनमोल है, बात करके हल निकाला जा सकता है!





